रायगढ़। रामलीला मैदान में चल रही श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस में बापू ने कहा कि भगवान की जन्म के पश्चात भगवान के दर्शन के लिए देवताओं की भीड़ लग गई और त्रेता में 6 महीने का एक दिन हो गया बापूजी ने कहा कि भगवान का रूप इतना सुंदर है जो भी भगवान को देखा है बस एक तक ही देखने लगता है
बाद में भगवान का नामकरण संस्कार हुआ और बापू ने व्यास पीठ के माध्यम से आजकल जो बच्चों के इंग्लिश नाम रखे जाते हैं उनका विरोध किया और कहा कि पुराने समय में बच्चों के नाम ऐसे रखे जाते थे जो किसी भगवान या किसी देवता या किसी महापुरुष का हो लेकिन आज पश्चात संस्कृति में मां-बाप इतनी रंग गए हैं कि अपने बच्चों का नाम इंग्लिश भाषा में रखने लगी है जिसे उन्होंने कड़ा विरोध किया बाद में बाल लीला की कथा मोड़ते हुए कहा कि रामचरितमानस में भगवान की बाल लीला थोड़ी कम है इसलिए भगवान थोड़े बड़े हुए और गुरुकुल में विद्या अध्ययन के लिए पहुंचे बापू ने कहा कि जब हमें प्यास लगती है तो हम स्वयं नदी या नल के पास जाते हैं नल और नदी स्वयं हमारे पास नहीं आती लेकिन आज जो पैसे लेकर घर में ट्यूशन पढ़ने शिक्षक आते हैं उसका मैं कड़ा विरोध करता हूं हर विद्यार्थी को चाहिए कि वह गुरुजनों के पास जाकर विनम्र बनाकर शिक्षा ग्रहण करें गुरु विद्यार्थी के घर जाए यह नियमित रूप से सही नहीं है बाद में भगवान के जनेऊ संस्कार की कथा सुनाते हुए कहा कि आज के समय में मनुष्यों के दो ही संस्कार बच्चे हैं एक तो विवाह संस्कार और दूसरा अंतिम संस्कार लेकिन पुराने समय में हमारी सनातन धर्म में 16 संस्कारों की प्रथा थी जो कि आज धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है मैं आज व्यासपीठ के माध्यम से संपूर्ण देश से कहूंगा कि अपने बच्चों को संस्कार बन करें बचपन से ही उनमें संस्कार दे और उन्हें धर्म के प्रति जागरूक करें कल भगवान की कथा के माध्यम से प्रभु राम और माता जानकी का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा पंडाल में श्रोताओं की भीड़ इतनी विशाल संख्या में है कितने बड़े पंडाल को भी रायगढ़ की जनमानस में छोटा कर दिया और कल भगवान की भव्य बारात एवं विवाह संस्कार की झांकी मंच के माध्यम से दिखाई जाएगी आज कथा मैं श्री इंद्रपाल सिंह भाटिया श्री शिव अग्रवाल श्री गोकुल पटनायक श्री दया पटनायक श्री बजरंग बंसल श्री अशोक पांडे श्री नटवर रठेरिया श्री राजेश शुक्ला आदि समिति के सदस्य उपस्थित रहे