Raiargh News: स्वामी आत्मानंद विद्यालय में तब्दील होने जा रहे भवन मरम्मत में गड़बड़ी

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रायगढ़ टॉप न्यूज 6 मई। पूर्वांचल के सबसे पुराने व आदर्श स्कूल हेमसुन्दर गुप्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महापल्ली को अब नए शिक्षा सत्र से स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम स्कूल के रूप में तब्दील की जा रही है।इसके लिए भवन के रखरखाव ,मरम्मत व सौंदर्यीकरण कार्य के लिये 52 लाख रुपये के लागत से लोकनिर्माण विभाग रायगढ़ द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कार्य प्रगति पर है।

विगत दिवस जब इस संवाददाता निर्माण कार्य की गुणवत्ता व इस्टीमेट की जानकारी के लिये मरम्मत स्थल पर गया तो देखकर बड़ा ही अचरज लगा। एक बार फिर लोकनिर्माण विभाग के उन्ही अधिकारियों के संरक्षण में मरम्मत कार्य मे थूक पालिस की जा रही है जो इसी भवन के निर्माण के समय थे और भवन निर्माण गुणवत्ता विहीन बनाया गया था। तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा आनन फानन में इस विद्यालय भवन का लोकार्पण भी 2016 में कर दिया गया था। तब भी अंचल के जन प्रतिनिधि उदासीन रहे और आज भी उतने ही उदासीन हैं जब 52 लाख रुपए की लागत से इसी भवन का मरम्मत किया जा रहा है।


















मरम्मत स्थल का जब निरीक्षण किया गया तब बताया गया कि फर्श जो उखड़ रहे हैं उन्हें पूरी तरह उखाड़ कर फर्शीकरण किया जाना और टाइल्स लगाए जाने हैं। ऐसा अधिकारियों का निर्देश होना बताया गया लेकिन अब दो दिन बाद कुछ जगह फर्श उखाड़ कर कार्य तो किये गए लेकिन बाकी तरफ जो कमजोर फर्श है उंन्हे टांके मारकर थूक पालिस करने का कार्य प्रगति पर है। तस्वीर से स्पष्ट दिख रहा है कि फर्श में जो टांके लगाए गए उसके नीचे पूरा का पूरा फर्श ही पोला है ,ऐसे में इसपर टांके मारकर टाइल्स लगा देने से यह फर्श फिर दब कर उखड़ जाएगा।
लोकनिर्माण विभाग के सब इंजीनियर श्रीमती भावना पुलस्त से जब इस संबंध में जानकारी चाही गयी तो उन्होंने बताया कि 52 लाख रुपए से ही सब कार्य संपादित करने है। थोड़ा सा फर्श तोड़ा गया है बाकी नही तोड़ा जाएगा।सिर्फ टांके मारकर टाइल्स लगाए जाने हैं। बाद में फर्श दब कर फिर उखड़ने के सवाल पर इंजीनियर ने कहा कि हमारे पास बजट नहीं है। ज्ञात हो कि शौचालय व स्टाफ रूम सहित 16 कमरों का मरम्मत किया जा रहा है।

कुल मिलाकर एक बार फिर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी अपने चहेते ठेकेदार के माध्यम से इस विद्या भवन का बेड़ानर्क करने जा रहे है। कलेक्टर श्री सिंन्हा के सख्त निर्देश के बाद भी यह शाला भवन अधिकारियों के पॉकेट खर्च की भेंट चढ़ रहा है।





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