जशपुर, जशपुर के बालाछापर में हुए कथित धर्मांतरण का मामला तूल पकडता जा रहा है,इस मामले में ईसाई आदिवासी महासभा के अल्टीमेटम देने के बाद घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का तीखा बयान सामने आया है उन्होंने साफ़ दो टूक शब्दों में कहा है कि धर्म के कुछ ठेकेदार सनातनियों के देश में उन्हें ही आईना दिखा रहे हैं।
जशपुरनगर बालाछापर के मामले को लेकर जशपुर जिलें सभी हिन्दू संगठनों ने विजय विहार पैलेस में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया जिसमें मुख्य रूप से कल्याण आश्रम, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू वाहिनी, सनातन वाहिनी, जनजातीय समाज एवं अन्य लोगों ने बैठक में भाग लिया। सभी ने एक स्वर में एक बड़े प्रतिकार करने को तैयारी की बात कही, और इसका जबरजस्त विरोध करने की रणनीति बनाने के साथ बहुत जल्द प्रशासन को ज्ञापन सौपने की बात भी कही ।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री और अखिल भारतीय घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने जशपुर के बलाछापर में हो रहे कथित धर्मांतरण के मामले में सीधा ईसाई धर्म गुरुओं पर निशाना साधा है।
प्रबल ने साफ़ शब्दों में कहा कि आप अपने धर्म के प्रचारकों को सीधे तौर से मना करें कि वो हमारे किसी भी हिन्दू भाई बहनों को ईसाई धर्म में लेने का ढोंग बंद करें,आप अपने धर्म की अनुष्ठान कार्यक्रम करें इसमें हमारी पूर्ण सहमति है लेकिन हमारे हिन्दुओ को यदि षडयंत्र पूर्वक धर्मान्तरण करवाया गया तो बर्दास्त योग्य नही है, इसलिये मैं धर्म गुरुओं से पहली और आखरी बार आग्रह करता हूं कि ये घिनौंना कार्य बंद करवाये और उनके अपने धर्म के सकारात्मक कार्यो में जोर दें।
उन्होंने यह भी कहा कि बालाछापर में जो धर्मातंरण का मामला है वह तो पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि विभा बाई जो लोहार जाति की है समस्त शासकीय कागजात में उल्लेख है इसका।उसे विभा केरकेट्टा तो बनाया गया साथ ही नन भी बना दिया ताकि धर्म का काम कम और धर्मान्तरण का काम ज्यादा कर सके,कुछ दिन पहले मीडिया में प्रेस रिलीज कर हमें समझा रहे थे कि हिन्दू कम हुए ही नहीं तो धर्मान्तरण कहाँ हुआ है,ऐसे लोगों को चुलू भर पानी में डूब मरना चाहिए जिन्हें जानकारी नहीं है और समाज सुधारक बन बैठे हैं,समय मिलेगा तो उनकी भी हम कुडंली निकालेंगे और उन्हें बहुत जल्द बताएंगे कि आज से पहले उनकी कौन सी पीढ़ी हिन्दू से धर्मांतरित होकर ईसाई बनी है।
बिना जानकारी उल जुलूल बयान देना समाज हित मे नही होता, यदि बाला छापर में धर्मांतरण नहीं हो रहा था तो उत्सव था तो विभा तो हिन्दू है उसके यहाँ उत्सव हिन्दू रीति रिवाज में होना चाहिए और वहाँ सनातनी देवी देवताओं को अपमानजनक शब्दो से अलंकृत नही करना था, फिर आंदोलन कर प्रशासन को अल्टीमेटम देना, उस मंच से हिन्दू संगठनों का गाली देना, ये सब बिल बिलाहट एक ओछी कर्म का प्रतीक है, बाहर के धर्म गुरु आकर जशपुर में विष न घोले अन्यथा जो जगह छोड़ा जा रहा है वो भी नही मिलेगा, और दुष्परिणाम समाज हित मे दूर होगा ।
अंत मे उन्होंने अपने बातों को दोहराते कहा मैं पुनः धर्म गुरुओं से आग्रह कर रहा हूँ, सभी अपने अपने धर्म के सकारात्मक कार्यो में ध्यान दे जिससे सर्व हिताय होगा, अन्यथा क्षेत्र को हमको सुधार करना पड़ेगा ।
साभार पत्रवार्ता