रायगढ़ :- गोवा स्थित परिपूर्ण अध्यात्मशास्त्र एवं साधना के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत सनातन संस्था के प्रमुख, पूज्य गुरूदेव डॉ. जयंत आठवलेजीं के जन्मोत्सव पर विगत 18 से 19 मई को “सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव” में छत्तीसगढ़ के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जी को “सनातन धर्मश्री पुरस्कार” से सम्मानित किया गया l






यह कार्यक्रम संस्था के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया । त्रि-दिवसीय महोत्सव का आयोजन गोवा में किया गया है, आयोजित कार्यक्रम में धर्म रक्षा, राष्ट्र सेवा और सनातन मूल्यों की पुनर्स्थापना के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। आपरेशन घर वापसी के महानायक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने मिले सम्मान के प्रति सनातन संस्था का आभार व्यक्त कर यह सम्मान स्वर्गीय पिता दिलीप सिंह जूदेव को समर्पित किया। घर वापसी के लिए पिता द्वारा चलाए गए आपरेशन घर वापसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा उन्होंने समय रहते धर्मान्तरण के खतरे को भांप लिया था। राजा होने के बावजूद सेवा भाव के साथ विनय शीलता से उनके पाँव धोकर साहस पूर्वक घर वापसी अभियान चलाया।
जीवन पर्यन्त उन्होंने इस अभियान को जारी रखा। एक वो दौर भी था जब घर वापसी करने वालों पर जान से हाथ धोना पड़ा। जान गंवाने वाले सभी हिंदू वीर हुतात्माओ को नमन करते हुए प्रबल प्रताप ने कहा “हात काटरो खंभा सनातनियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं इसीलिए गोवा सरकार से अनुरोध है कि “हात काटरो खम्भा” का नाम बदलकर “सनातन स्वाभिमान स्तम्भ” रख इसे राष्ट्र स्मारक बनाकर संरक्षित किया जाए। छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे अभियान का जिक्र करते हुए कहा छत्तीसगढ़ के बस्तर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में हमारे जनजातिय गौरव, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ऐतिहासिक कार्य कर रहें हैं. युवाओं को शिक्षा एवं रोज़गार की दिशा में सरकार के कार्य सराहनीय है।
जल्द ही बस्तर नक्सलवाद होगा। बस्तर में नक्सल का अंधकार दूर होगा और विकास की किरणे धरती पर फैलेगी। जल्द ही बस्तर में भी आपरेशन घर वापसी के जरिए एक हजार लोगो की घरवापसी होगी। पिता स्वर्गीय जूदेव के कार्यों का स्मरण करते हुए कहा पिता के बताए पदचिन्हों का अनुकरण करते हुए मैने आपरेशन घरवापसी जारी रखा और हजारों लोगों को घर वापसी के जरिए सनातन धर्म की मुख्यधारा से जोड़ा। यह सम्मान उनके पिता के प्रयासों का फल है। गरिमामय आयोजन एक दौरान विष्णु शंकर जैन, सुरेश चावनके , टायगर राजा सिंह , उदय महुरकर सहित बहुत से गणमान्य एवं धर्म एवं राष्ट्र उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले महानुभावों को भी सम्मानित किया गया l
