विभागीय मार्गदर्शन और योजना ने बदला जीवन, अन्य किसानों को कर रहे प्रेरित
रायगढ़, 15 मई 2025/ जहां अधिकतर किसान आज भी परंपरागत धान की खेती में सीमित आय से जूझ रहे हैं, वहीं रायगढ़ जिले के ग्राम लोहरसिंह निवासी पीतांबर नायक ने खेती में नवाचार कर एक मिसाल पेश की है। उन्होंने धान की जगह उद्यानिकी फसलों को अपनाया और अब तरबूज, खरबूज, पपीता, खीरा और करेला जैसी नकदी फसलें उगाकर हर सीजन में 8 से 10 लाख की आमदनी कर रहे हैं।






पीतांबर नायक के पास स्वयं का लगभग 30 एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें से कुछ हिस्सों वे आधुनिक तरीके से उद्यानिकी खेती शुरू की है। इस बदलाव के पीछे उनकी दूरदर्शी सोच के साथ राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के योजनाओं का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। उन्हें उद्यानिकी विभाग के लगातार मार्गदर्शन के साथ ही शेड नेट हाउस, पैक हाउस जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई, जिससे उनकी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में सुधार हुआ। जिससे फसलों के बेहतर मांग से उन्हें उचित मूल्य मिल रहा है।
श्री पीतांबर नायक बताते हैं कि पहले वे परंपरागत खेती में सीमित आमदनी से संतुष्ट थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं की जानकारी मिलने से उन्हें नवाचार करने का सोचा और आज फसल के लिए उन्होंने शेड नेट हाउस तैयार कर चुके है। उन्हें खरीफ में धान से जितना लाभ होता था, उससे कही अधिक उन्हें रबी में उद्यानिकी फसल से हो रहा है। आज वह उद्यानिकी फसलों से लाखों की कमाई कर रहे है। आज वे अपने आमदनी का ज्यादातर हिस्सा अपने खेतों के लिए उन्नत तकनीक खरीदने में खर्च करते है, ताकि कम समय में अधिक कार्य कर लाभ अर्जित कर सके। कृषक नायक कहते है कृषक शासकीय योजनाओं का सही उपयोग करें और आधुनिक तकनीक से जुड़ें, तो खेती भी एक उन्नत व्यवसाय बन सकती है। उनकी यही सोच आज आसपास के किसानों को भी उद्यानिकी फसल अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
