पिछले 16 वर्ष से लगातार करते आ रहे हैं कंबल वितरण, जूनून अभी भी जारी
रात 12 बजे के बाद निकल पड़ते हैं रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, और भी ऐसे क्षेत्रों में जहां लोग फुटपाथ पर अपनी रात गुजारते हैं और ओढ़ा जाते हैं गर्म कपड़े
रायगढ़ न्यूज 26 दिसंबर। शहर के समाजसेवी एवं पूर्व पार्षद व भाजपा नेता अनूप रतेरिया पिछले 25 साल से पूरे शहर में लोगों के दुख सुख में हर क्षण में खड़े रहते हैं। रतेरिया सर्दी के दिनों में पिछले 16 सालों से गरीब लोगों को ठंड से बचाने के लिए अपने हाथों से रातभर कंबल वितरण करने का काम कर रहे हैं।





रतेरिया बताते हैं कि 12 साल पहले रेलवे अंडर ब्रिज के पास एक बुढ़ी मां ठंड से ठिठुर रही थी, तो रतेरिया ने उन्हें कंबल देने के लिए पहुंचे तो बुजुर्ग अचानक हदप्रद हो गई। उसने रतेरिया से कहा कि उनकी मां धन्य है जो उनको जन्म दिया है। जो इस तरह के सेवा का काम कर रहे हैं, उस बुढ़ी मां के चार बेटे होने के बावजूद आज वह मां सड़क पर सोने को मजबूर है, इसी दिन से अनूप रतेरिया ने हर ठंड में रात में गर्म कपड़े बांटने का काम करने का लक्ष्य बनाकर ठान लिया था, कि हर साल यह काम करना है।
यह अनवरत चलता आ रहा है, रातभर गरीब लोगों और ठिठुर रहे लोगों को गर्म कपड़े देते आ रहे है। इस काम में रातभर वह जागते हैं, खुद की गाड़ी से शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पहाड़ मन्दिर, रामपुर , इंदिरा विहार रोड, जिंदल रोड, जूट मिल रोड, बायपास रोड, कोतरा रोड सहित अन्य जगहों पर ठंड में ठिठुरते लोगों को सर्द रातों में ठंड से बचने के लिए कंबल देते आ रहे हैं। इससे रतेरिया के मन में काफी सुकून मिलता है, इस काम में उन्हें उनके परिवार का भी सहयोग रहता है, कई बार रातभर गर्म कपड़े बांटने के बाद सुबह घर पहुंचते है तो उनके बच्चें स्कूल जाने के लिए तैयार होते रहते हैं। तब वह उन्हें स्कूल बस में बैठाकर फिर घर में आकर विश्राम करते है, इस सेवा के कार्य को देखते हुए घर के लोग भी कहते है कि आप इस सेवा के काम को करते रहें।
सर्दी में हर कोई दे गर्म कपड़े
रतेरिया ने कहा कि जिस तरह से वह गरीब और जरुरतमंद लोगों को रात में गर्म कपड़े बांट रहे है। ऐसा ही प्रयास हर कोई व्यक्ति करे हर सर्दी के मौसम में एक या दो जरुरतमंद व्यक्ति को लोग गर्म कपड़े बांटे। यदि आप घर में ठंड में गर्म कपड़े पहनकर विश्राम कर रहे हैं आपको आराम मिल रहा है तो बाहर में जो ठंड में सो रहा है उसकी भी चिंता करे।
