रायगढ़। एसपी दिव्यांग पटेल के दिशा निर्देशन एवं एसडीओपी धरमजयगढ़ सिद्धांत तिवारी के मार्गदर्शन पर लैलूंगा थाना क्षेत्र में मवेशियों की तस्करी को लेकर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 44 नग कृषिधन मवेशियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। उप निरीक्षक इगेश्वर यादव, प्रभारी थाना लैलूंगा के नेतृत्व में यह कार्रवाई शनिवार 4 मई को की गई, जब पुलिस को सूचना मिली कि कुछ व्यक्ति जंगल के रास्ते मवेशियों को क्रूरतापूर्वक हांकते-पीटते ओडिशा के बूचड़खाने की ओर पैदल ले जा रहे हैं।
सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने मडियाकछार मार्ग के समीप जंगल में घेराबंदी की, जहां दो युवक बड़ी संख्या में मवेशियों को बेरहमी से हांकते हुए मिले। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम दिनेश राम सिदार (42 वर्ष) और ओमप्रकाश सिदार (20 वर्ष), निवासी सिंगीबहार, थाना तपकरा, जिला जशपुर (छत्तीसगढ़) बताए। दोनों आरोपियों ने मवेशियों को भूखे-प्यासे व मारते-पीटते ओडिशा के बूचड़खाने ले जाने की बात कबूल की, लेकिन मवेशियों की खरीद-बिक्री संबंधी कोई वैध दस्तावेज पुलिस को नहीं दिखा सके।






44 नग मवेशियों की अनुमानित कीमत लगभग 4.40 लाख रुपये है। तस्करों के अमानवीय कृत्य को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 116/2025 के तहत छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धाराओं 6, 10, 11, 12 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। इस कार्रवाई में उप निरीक्षक इगेश्वर यादव के साथ सहायक उप निरीक्षक हेमंत कश्यप और आरक्षक संतराम केंवट की अहम भूमिका रही।
