जशपुर। पत्थलगांव वन परिक्षेत्र में आज सुबह हाथी के कुचलने से पहाड़ी कोरवा महिला पार्वती बाई की दर्दनाक मौत हो गई। हाथियों का एक दल अचानक समीप के जंगल से निकल कर तमता क्षेत्र के पंडरीपानी गांव में आ गया था। इसी दौरान महिला घर से बाहर शौच के लिए गई हुई थी, तभी हाथियों ने उस पर हमला कर दिया।
दरअसल,पत्थलगांव का तमता क्षेत्र के आधा दर्जन गांव में किसानों ने सागसब्जी के अलावा काफी बड़े भूभाग में गन्ना की फसल लगाई है। इसी कारण पांच हाथी एक सप्ताह से यहां जमकर उत्पात मचा रहे हैं। पंडरीपानी गांव के समीप आज सुबह हाथियों का दल रिहायशी इलाके में आ पहुंचा था। इस दौरान मृतिका शौच से घर लौट रही थी। उसी वक्त हाथियों के दल ने इस महिला पर जानलेवा हमला कर दिया। हाथियों का दल काफी देर तक घटना स्थल पर ही डटा रहा। इस घटना की वन विभाग को सूचना मिलते ही पत्थलगांव वन अमला मौके पर पहुंच कर हाथियों को जंगल में खदेड़ दिया है।
बता दें कि प्रदेश के घोर हाथी प्रभावित जिलों में शामिल जशपुर में हाथियों के हमले में बीते 3 साल के दौरान 48 जिलेवासियों ने अपना जीवन असमय गंवाया है। इन पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए प्रदेश सरकार ने तीन सालों में 2 करोड़ 58 लाख रूपये का मुआवजा बांटा है।
गौरतलब है कि विधानसभा के बजट सत्र में जशपुर की विधायक रायमुनि भगत ने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से जिले में लगातार गहराते हुए हाथी समस्या की ओर प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। विधायकों के सवाल का जवाब देते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने सदन को बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 से 14 फरवरी 2024 तक जशपुर जिले में हाथियों के हमले में 40 लोगों की जानें गई हैं। इसमें सबसे अधिक 10 ग्रामीणों की मृत्यु कुनकुरी अैर 8 मौत फरसाबहार ब्लाक में हुई है। ओडिशा और झारखंड की अंतरराज्यीय सीमा में स्थित जशपुर जिले में हाथी समस्या सालों से बनी हुई है।