जशपुर । न कुर्सी न और कुछ, जमीन पर एक चटाई, कुछ कागज बिखरे हुए, और चटाई भी ग्रामीणों के द्वारा बनाई जाने वाली छिंद की जो जशपुर के ग्रामीण इलाकों में हर घर मे दिखता है, उस पर बैठे कुछ लोग, और उसमें काली शर्ट पैंट में बैठा एक आदमी। दरअसल आप सोच रहे होंगे, कि ये हमे क्यों बताया जा रहा है, तो हम आपको बता दें कि यह काली शर्ट पैंट में एक साधारण तरीके से जमीन बैठा हुआ कोई साधारण आदमी नही, यह जशपुर जिले में पदस्थ एक आईएएस की तस्वीर है, जो जशपुर के जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र कुमार यादव हैं। इन दिनों यह तस्वीर जिले में लोगों की जुबान और दिमाग दोनो पर बनती नजर आ रही है, और चर्चा भी ! चर्चा में यह शामिल की सादगी, और काम करने की ललक!
दरअसल यह जो तस्वीरें आम जनमानस पर छाप छोड़ती नजर आ रही है, वह सरकार द्वारा कराए जा रहे सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के दौरान जशपुर जिले के एक गांव की है, जहां आइएएस जितेंद्र यादव स्वयं निरीक्षण पर बिन बताए पहुंचे थे, और वहां सर्वे दल के साथ आम ग्रामीणों के साथ यूँ बैठ गए, और यह देखने लगे कि सर्वेक्षण में पब्लिक पार्टिसिपेशन (जन भागीदारी) कैसी है।
क्योंकि उन्हें मालूम है, कि ये पब्लिक पार्टिसिपेशन ही है, जो इन सर्वेक्षण में सही आंकड़े को लेकर आएगी, और यही वह सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण है, जिसमें आगे चलकर योजनाओं का खाका तैयार होगा, अगर जनभागीदारी निहित इन सर्वे में वास्तविक चीजे भागीदारी के माध्यम से समाहित हुई तो योजनाओ की सफलता निश्चित है। और साथ में कवायद यही कि जिनके लिए काम करना है, जिनके साथ काम करना है, उनके साथ उनके तरीके से ही रहना बैठना होगा, तभी सरकार और ग्रामीणों के बीच एक मजबूत सेतु निर्मित होगा, और संवाद होगा तो वो भी आम आदमी की बेहतरी की तरफ जाएगा।