अनिल रतेरिया..जीवन का 63 वा बसंत
कलेक्टर के खिलाफ यौन शोषण के आरोप की खबर छापने वाले साहसी पत्रकार
गणेश अग्रवाल की कलम से…
जशपुर के तात्कालिक जिलाधीश के खिलाफ यौन शोषण का आरोप का समाचार छापने वाले वरिष्ठ पत्रकार अनिल रतेरिया को मीडिया के क्षेत्र में 39 वर्ष पूरे हो गए…उनके जीवन के 62 वर्ष पूरे हो गए….जिले के पहले ऐसे पत्रकार है जिन्होंने अपना पूरा जीवन इस क्षेत्र के लिए खपा दिया…उनका टॉप बन जाना किसी उद्योगपति के इस कहानी को तरह ही है जो सड़को से आसमान तक का सफर तय करता है भाई अनिल ने भी मीडिया के क्षेत्र में सड़को से लेकर हवाई यात्रा का सफर तय किया है मीडिया के क्षेत्र में उनकी ख्याति किसी अरबपति उद्योगपति से कम नहीं l मीडिया में संघर्ष के दौर के गवाह रहे अनिल रतेरिया मीडिया के बदलते दौर के साक्षी भी रहे l विश्वसनीयता के साथ पठनियता का लक्ष्य हासिल कर पाना मीडिया जगत में असम्भव है l लेकिन इसे अनिल भाई ने संभव कर दिखाया l जिद से ऊंचाईयों को हासिल कर लेना बहुत बड़ी बात नही लेकिन शालीनता विनम्रता व सकारत्मकता के सहारे ऊंचाइयों में टिके रहना बड़ी बात है l अनिल रतेरिया कोई दूजा नही हो सकता l 80 के दशक में जब कोतरा रोड में डरो रात को वाले जुमले जेहन में होते थे उस दौर में अग्रवाल समाज का एक जवान बेटा व्यापार व्यवसाय को छोड़कर मीडिया के क्षेत्र में अपने जीवन को दांव में लगाकर जूझता रहा l सन 1983 में गुरुदेव कश्यप जी ने अनिल रतेरिया के साथ लोकस्वर की शुरुवात हुई । 1986 में प्रथम दैनिक रायगढ़ संदेश में अनिल भाई बतौर सिटी चीफ रिपोर्टर व व्यवस्थापक रहे l गोली कांड में उनकी रिपोर्टिंग के गवाह शायद पत्रकारिता जगत में अब न रहे हो l 1995 में वे भास्कर से जुड़े l जिलाधीश के यौन शोषण का मामला प्रकाशित करने की वजह से उंन्हे कोर्ट का सामना करना पड़ा l कोर्ट के मुकदमे एक पत्रकार के लिए सुहागन होने का प्रमाण है l 2008 तक दैनिक भास्कर रायगढ़ जशपुर ब्यूरो रहे l प्रिंट मीडिया को बाय बाय करने के पहले उन्होंने बदलते दौर की नब्ज को समय से पहले पकड़ा और एसएमएस न्यूज सर्विस व बेबसाइट के जरिये समाचार सेवाएं शुरू की l व्हाट्शप की शुरुवात नही हुई थी l व्हाटशप की शुरुवात के बाद टॉप न्यूज सेवा आम आदमी से खास लोगो उद्योगपतियो सरकारी अफसरों के जीवन का अहम हिस्सा बन गई l सैकड़ों ग्रुपो के जरिये प्रतिदिन जिले प्रदेश देश विदेश के लाखो लोगो से अधिक लोगों तक तक पहुँचने वाली इस समाचार सेवा ने अल्प समय मे अपना विशिष्ठ स्थान बनाया है l प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पहुँच सब तक नही है l लेकिन टॉप न्यूज सर्विस ने समाचारों की पहुँच को सहज बना दिया l रायगढ से जाने के बाद भी शहर की यादों से जोड़े रखने का काम टॉप न्यूज सेवा ने बड़ी सहजता से किया है l हर कार्य के पीछे एक उद्देश्य होता है टॉप न्यूज का उद्देश्य भी अविलंब सही समय पर सही सूचना आम लोगो तक पहुंचाना है l .सजगता के साथ सुख दुख के घटना क्रम की जानकारी हर उस आम आदमी तक पहुंचाना जो समयाभाव की वजह से टीव्ही चैनल व अखबारो तक नही पहुँच पाते l घर परिवार काम के व्यस्त होने की वजह से वह आवश्यक सूचनाओं व घटनाओ की अहम जानकारी से वंचित हो जाता है l मीडिया में छपने के पहले ही सूचनाएं टॉप न्यूज के जरिये आम आदमी तक पहुँच रही है l सूचनाओं के सही समय पर मिलने से सामाजिक दायरा बढ़ा है l आपसी कटुता को मिटाने में भी टॉप न्यूज अहम भूमिका निभा रहा है l लगातार साकारत्मक खबरों के परोसे जाने से समाज के अंदर प्रतिस्पर्धा पैदा हुई है जिससे आपसी कटुता भी समाप्त हुई है l कोरोना संक्रमण काल के कहर से कोई नही बच पाया उस दौरान टॉप न्यूज सेवा ने मानो इतिहास ही रच दिया l पल पल की सूचनाएं अपडेट करने की इस अनोखी पहल ने अनिल रतेरिया को उन समाज सेवियों की कतार में खड़ा कर दिया जिनका सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित रहा है l धर्म शाला बनाने वाले धार्मिक आयोजन करने वाले मंदिर बनाने वाले स्कूल कॉलेज बनाने वाले वाटर कूलर लगवाने वाले दान धर्म करने वाले समाज सेवियों की लंबी फेहरिस्त है लेकिन आम आदमी तक सभी जानकारियां निःशुल्क पहुँचाने का जो श्रेष्ठतम कार्य अनिल रतेरिया ने किया है वह अपने आप में अदभुत व बेमिशाल है l न भूतों न भविष्यति… जिस सकारात्मक भाव से टॉप न्यूज जैसी निःशुल्क सेवाएं दी जा रही है वह न ही कभी दी गई है न ही कभी दी जा सकती है l एक जुनून लेकर पैदा होने वाले अनिल रतेरिया लंबे समय तक प्रेस क्लब के निर्विवाद अध्यक्ष रहे l ऐसे कई मौके आये जब अनिल रतेरिया ने खबरों को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए जान की परवाह तक नही की l रायगढ़ गोली कांड से लेकर बाढ़ के दौरान व कोरोना संकट के दौरान इस शख्स का जज्बा बार्डर पर लड़ते हुए उस सैनिक की तरह रहा जो अपनी जान की परवाह किये बिना देश की रक्षा कर अपनी सेवाएं देता है l