रायगढ़। रायगढ़ निकाय चुनाव में सबसे हाई प्रोफाईल सीट वार्ड नंबर 19 में भाजपा और कांग्रेस द्वारा काफी मंथन के बाद भाजपा ने पूर्व सभापति सुरेश गोयल को एवं कांग्रेस ने इसके जवाब में युवा चेहरा शालू अग्रवाल को मैदान में उतारा है। राजनीतिक धुरंधर पूर्व सभापति सुरेश गोयल के सामने शालू अग्रवाल कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक साबित होगा। शालू अग्रवाल के नाम के घोषणा के बाद इस चुनावी समर में जबरदस्त तुफान आ गय़ा है।
युवा एवं नया चेहरा शालू अग्रवाल की बात करें तो शालू वार्ड नंबर 19 की बहु व बेटी भी है। क्षेत्र के मंदिर चौक में शालू अग्रवाल बेटी है एवं क्षेत्र के गांधी गंज की बहु है। जो शालू को इस सीट में मजबुत प्रत्याशी बनाता है। शालू अग्रवाल के राजनीतिक सफर के बारे में कहा जाए तो शालू छात्र जीवन से ही कांग्रेस की छात्र राजनीति से जुड़ी थी। शालू छात्र संघ की अध्यक्षा के साथ-साथ धाकड़ छात्र नेता व प्रखर वक्ता रही है। शालू एक अच्छी नेतृत्वकर्ता है। शालू शिक्षा, संस्कार व अनेक सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहते हुए अपनी जीवन को समाजसेवा हेतु समर्पित किया है।
शिक्षित युवा प्रत्याशी है शालू
शालू अग्रवाल की शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने कक्षा 10वीं तक कार्मेल स्कूल में अध्यन किया है। वे बचपन से ही मेघावी छात्र रही है। कक्षा 11वीं में उन्हे हाऊस कैपटन (मॉनिटर), 12वीं में कल्चर सेक बनाया गया। कॉलेज लाइफ में सन् 2013-14 में बेबैट कॉम्पिटिशन विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। 2015 में एनएसयूआई की तरफ से उन्होंने गर्ल्स कॉलेज में चुनाव लड़ा और कॉलेज प्रेसिडेंट चुनी गई। 2016 में अग्र गौरव पुरूस्कार दिया गया।
शिक्षा के साथ-साथ शालू सामाजिक गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाती रही है और हिस्सा लेती है। अग्र समाज द्वारा मनाए जाने वाले महाराजा अग्रसेन जयंती 2014 में मिस अग्रवाल चुना गया। 2015 में मिस रायगढ़ कॉम्पिटिशन में फर्स्ट रनरअप चुनी गई। महाराजा अग्रसेन जयंती में हर वर्ष शालू कार्यक्रमों का नेतृत्व करती है एवं बहुत ही सुझबुझ से कार्यक्रमों का संचालन करती है। प्रखर वक्ता होने के कारण शालू की एंकरिंग दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।
बहरहाल देखना है वार्ड नंबर 19 में शालू कीतना कमाल दिखाती है। शालू सहज एवं सरल स्वभाव का वार्ड का एक जाना पहचाना युवा चेहरा है। युवा जोश और उत्साह के साथ शालू वार्ड में विकास का एक नया अयाम बना सकती है क्योकि शालू अगर पार्षद बनती है तो ओ केवल वार्ड के लिए नहीं अपने मायके व ससुराल के उत्थान व विकास के लिए काम करेगी।