खरसिया। खरसिया के ग्राम दर्रामुड़ा, गौतम चौक के पास में इन दिनों भक्तिमय वातावरण का सृजन हुआ है, जहां पटैल परिवार द्वारा स्वर्गीय जमुना बाई पटैल की स्मृति में श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन पूरे ग्राम को आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत कर रहा है। सात दिवसीय कथा महोत्सव के सप्तम दिवस, दिनांक 23 अप्रैल 2025 को विशेष रूप से खरसिया के लोकप्रिय विधायक उमेश पटेल ने भी उपस्थित होकर इस पुण्य अवसर की शोभा बढ़ाई। व्यासपीठ पर विराजमान पंडित दीपककृष्ण महाराज (ग्राम-घघरा, खरसिया) से उन्होंने आशीर्वाद प्राप्त किया और श्रद्धालुओं के बीच पहुँचकर भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया। इस अवसर पर समूचा वातावरण “हर-हर महादेव” और “राधे-राधे” के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।





विधायक उमेश पटेल ने अपने उद्बोधन में ग्राम दर्रामुड़ा में धार्मिक आयोजनों की श्रृंखला को सराहते हुए कहा कि भगवान की कथा, भजन और स्तुति जिस स्थान पर होती है, वह स्थान स्वतः एक मंदिर के समतुल्य बन जाता है। उन्होंने कहा कि पटैल परिवार द्वारा शिवमहापुराण जैसी दिव्य कथा का आयोजन न केवल ग्राम के लिए गौरव की बात है, बल्कि यह दर्शाता है कि यहां की संस्कृति और परंपरा आध्यात्मिक मूल्यों से परिपूर्ण है। उन्होंने आयोजन समिति, ग्रामवासियों और विशेष रूप से युवा वर्ग की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की और कहा कि यह आयोजन एक सकारात्मक सामाजिक संदेश भी देता है, जहां धर्म, भक्ति और एकता का संगम देखने को मिलता है। विधायक ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज को जोड़ने और आध्यात्मिक उन्नयन में सहायक होते हैं।
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति यह दर्शाती है कि लोग अब पुनः धार्मिक आयोजनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। व्यासपीठ से पंडित दीपककृष्ण महाराज ने भगवान शिव की लीला और महिमा का भावपूर्ण वर्णन करते हुए भक्तों को गहराई से भक्ति रस में सराबोर किया। विधायक उमेश पटेल ने भी कथा श्रवण किया और आयोजन के अंत में यह संदेश दिया कि कोई भी धार्मिक कार्यक्रम तभी सार्थक होता है जब उसमें निरंतरता और सामूहिकता बनी रहे। उन्होंने ईश्वर से सभी ग्रामवासियों के लिए सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की तथा भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजनों में सहभागी बनने की इच्छा जताई। दर्रामुड़ा में आयोजित यह कथा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर बना, बल्कि यह ग्राम के धार्मिक एवं सांस्कृतिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय भी जोड़ गया।
