Raigarh: भारी बारिश में भी डटे रहे एनएचएम कर्मचारियों, अनिश्चित-कालीन हड़ताल का 15वां दिन

रायगढ़। छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम कर्मचारी संघ के बैनर तले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के लगभग 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, जो 18 अगस्त 2025 से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं, ने आज आंदोलन के 15वें दिन दुर्ग जिला इकाई के करीब 200 कर्मचारियों ने जिला अध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा के नेतृत्व में दुर्ग लोकसभा सांसद श्री विजय बघेल का पुष्पहार पहनाकर सम्मान किया। कर्मचारियों ने उनकी मांगों के समर्थन के लिए सांसद श्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया।
“मांगें जायज, सरकार को जल्द पूरी करनी चाहिए”
दुर्ग सांसद श्री विजय बघेल ने कहा कि एनएचएम कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के 2023 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों की मांगों को शामिल किया गया था, जिसमें 100 दिनों के भीतर नियमितीकरण के लिए समिति गठन और संघ के सदस्यों को शामिल करने का वादा किया गया था। श्री बघेल ने आश्वासन दिया कि वे राज्य स्तर की मांगों के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी से और केंद्रीय स्तर की मांगों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा जी से चर्चा कर जल्द समाधान का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के नियमितीकरण से आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा, क्योंकि केंद्र सरकार 60% राशि प्रदान करती है और अन्य राज्यों में नियमितीकरण के बाद भी केंद्र की सहायता जारी है।
“20 साल का शोषण, अब आर-पार की लड़ाई”
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने “मोदी की गारंटी” के तहत एनएचएम कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का वादा किया था। इसके बावजूद 170 से अधिक ज्ञापन देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके कारण 16,000 संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं। दुर्ग जिला अध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा ने कहा कि 20 वर्षों का शोषण असहनीय है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के एनएचएम कर्मचारियों की स्थिति दयनीय है। विरोध में कर्मचारियों ने केश दान किया और नोटिस की प्रति फाड़कर शासन के दमनकारी रवैये का विरोध किया।
“5 मांगें पूरी होने का दावा भ्रामक”
हड़ताली कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के उस बयान का खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि 10 सूत्रीय मांगों में से 5 मांगें पूरी हो चुकी हैं। कर्मचारियों ने इसे भ्रामक बताते हुए कहा कि केवल दो मांगों पर सर्कुलर जारी हुआ है, और अन्य मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। मांगों के स्वरूप को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारी नियमितीकरण, स्थाईकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर, ग्रेड पे, और अनुकंपा नियुक्ति जैसी मांगों के लिए संघर्षरत हैं। कर्मचारियों का कहना है कि स्वास्थ्य और स्वास्थ्य कर्मचारियों का विषय पूरी तरह राज्य सरकार के अधीन है, फिर भी मांगों को केंद्र सरकार पर डाला जा रहा है।
आंदोलन जारी रहेगा
एनएचएम कर्मचारी संघ ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। कर्मचारी शासन से अपनी मांगों पर तत्काल और ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।














