Raigarh News: भक्तों को दर्शन देते हुए नगर परिभ्रमण कर महाप्रभु पहुँचे मौसी घर, अब सात दिन रहेंगे महाप्रभु गुंडिचा मौसी के घर

रायगढ़। शहर के राजापारा स्थित महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर में रियासत काल से उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी की तरह भगवान महाप्रभु के जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव को ऐतिहासिक एवं यादगार ढंग से मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस बार भी श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति, राजपरिवार के सदस्यगण व शहर के श्रद्धालुगण मिलकर श्रद्धा व भव्यता से मना रहे हैं। विगत दिवस 27 जून शुक्रवार को शाम 4 बजे से पवित्र रथ यात्रा में महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा के साथ रथ पर आरूढ़ होकर अपनी मौसी रानी गुंडिचा देवी के यहां जाने हेतु निकले। वहीं रायगढ़ के राज परिवार के नन्हें-मुन्नों राजकुमारों द्वारा भगवान के पहंडी धार्मिक कार्यक्रम किया गया।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ – – शहर में रथयात्रा महोत्सव को धूमधाम से मनाने की परंपरा रही है। वहीं आज रथोत्सव के दिन राजमहल स्थल के पास शहर के अतिरिक्त दूर दराज स्थानों से हजारों श्रद्धालुगण महाप्रभु का दर्शन पूजन करने व रथ शोभायात्रा में शामिल होकर महाप्रभु का रथ खींचने पहुँचे। वहीं राजापारा में आज दूसरे दिन भी मेला सा माहौल रहा व पुलिस विभाग व यातायात विभाग के अधिकारी व कर्मचारीगण व्यवस्था को बेहतर बनाने में सजग रहे।
वहीं आज रथोत्सव के दिन सभी मंदिरों व चॉंदनी चौक सहित अनेक मोहल्ले में भी रथ यात्रा श्रद्धालुओं ने निकाली व भगवान जगन्नाथ महाप्रभु जी की पूजा अर्चना कर प्रसाद श्रद्धालुओं ने बांटे।
श्रद्धा से निकली गुंडिचा यात्रा – – धार्मिक इस कार्यक्रम के अन्तर्गत आज 28 जून शनिवार को शाम 4 बजे से
रायगढ़ की परम्परा अनुसार इस दिन भगवान अपने भक्तों को दर्शन देने नगर में निकलेंगे।इस दिन महाप्रभु का रथ राज महल प्रांगण से निकलकर शहर का परिभ्रमण करते हुए छत्तीसगढ़ी भजन सम्राट देवेश षडंगी व मोनू ठाकुर के मधुर भजन गीतों और भव्य बाजे गाजे जयकारे के साथ मौसी घर पहुँचे। जहां से भगवान के श्री विग्रहों को मान्यता स्वरूप गुंडिचा मंदिर में रखा जायेगा, वहां महाप्रभु 7 दिनों तक रहेंगे।
5 जुलाई को वाहुड़ा रथ यात्रा – – रथोत्सव धार्मिक कार्यक्रम के अन्तर्गत आगामी 5 जुलाई शनिवार को शाम 4 बजे से बाहुड़ा रथ यात्रा निकलेगी व उस दिन भगवान श्री जगन्नाथ जी अपने भाई बलभद्र जी एवं बहन सुभद्रा जी के साथ मौसी घर से रथारूढ़ होकर वापस अपने श्री मंदिर में आयेंगे। जहाँ “उत्कलिका मातृशक्ति” द्वारा महाआरती कर स्वागत किया जायेगा।
6 जुलाई को सोना भेष पूजा – – आगामी 6 जुलाई रविवार को शाम 6 बजे से शहर के जगन्नाथ महाप्रभु ऐतिहासिक मंदिर में वर्ष में सिर्फ एक बार तीनों महाप्रभु अपने बड़े भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ पूर्ण राजकीय भेष में अपने सभी स्वर्ण आभूषणों एवं आयुधों से अंलकृत होकर मंदिर प्रांगण में दर्शन देते हैं। इस दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु रसगुल्ले का भोग लगाया जाता है। वहीं भव्य रथोत्सव यात्रा व धार्मिक आयोजन को भव्यता देने में श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट उत्कल सांस्कृतिक सेवा समिति के सभी श्रद्धालुगण जुटे हैं।






