Private Coaching Centers: छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को लेकर एक बेहद बड़ा फैसला लिया है. जो भी कोचिंग संस्थान प्रोफेशनल कोर्स की ट्रेनिंग देती है. अब उसे सरकार के अंतर्गत खुद को रजिस्टर करवाना होगा. रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन का कोचिंग सेंटर 2024 के तहत बनाई गई गाइडलाइंस को केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेज दिया गया है. ताकि वह उन्हें लागू करवाएं.
क्या कहती हैं नई गाइडलाइंस?
केंद्र सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइंस में कुछ बातों पर खास तौर पर जोर दिया गया है. गाइडलाइंस में कहा गया है कि छात्रों पर कंपटीशन का बहुत दबाव होता है. इसीलिए कोचिंग सेंटर अब छात्रों की मानसिक स्थिति को भी ध्यान में रखने के लिए कदम उठाएंगे. उन पर ज्यादा प्रेशर नहीं डाला जाएगा. इसके साथ ही अगर कोई छात्र तनाव की स्थिति में है और उसे सहायता की जरूरत है तो ऐसे में कोचिंग सेंटर को पहले से ही ऐसी व्यवस्था करके चलनी होगी. जिससे उसे छात्र को मदद मिल सके.
इसी के साथ कोचिंग सेंटर्स को अपने साथ अनुभवी साइकोलॉजिस्ट, साइकोथैरेपिस्ट और काउंसलर्स को भी शामिल करने का करने के लिए कहा गया है. कोचिंग सेंटर के लिए बनाई गई नई गाइडलाइंस के अनुसार कोई भी कोचिंग सेंटर 16 साल से कम उम्र के छात्र को एडमिशन नहीं दे सकेगा. इसके साथ ही ट्यूटर्स की शैक्षिक योग्यताओं को भी ध्यान में रखना होगा साथ ही कोचिंग सेंटर के स्थान पर एक स्क्वायर मीटर एक स्टूडेंट के लिए जगह देनी होगी.
गाइडलाइंस के उल्लंघन पर होगा जुर्माना
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने सख्त आदेश जारी करते हुए यह भी कहा है कि अगर कोचिंग सेंटर इन गाइडलाइंस को फॉलो नहीं करता तो पहली बार के उल्लंघन पर 25000 का फाइन लगाया जाएगा. तो वहीं दूसरी बार अगर उल्लंघन किया जाता है तो 1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा. वही गाइडलाइंस में सबसे जरूरी बात जो कही गई है. वह फीस को लेकर कही गई है. अगर कोई छात्र पूरे कोर्स की फीस देता है और बीच में ही कोर्स छोड़ कर जाता है. तो ऐसे में कोचिंग संस्थान को बचे हुए कोर्स की फीस उसे वापस करनी पड़ेगी. जिसमें हॉस्टल और मेस फीस भी शामिल होगी.