नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन किया. दिल्ली में दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा देशों के कृषि मंत्री, मिलेट्स के रिसर्चर्स और प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए यह बड़े सम्मान की बात है कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ बाजरा’ घोषित किया. भारत के 75 लाख से ज्यादा किसान आज इस समारोह में वर्चुअली हमारे साथ मौजूद हैं, जो इसके महत्व को दर्शाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि मिलेट्स फूड प्रोडक्ट की बिक्री 30 फीसदी बढ़ी है. अब जगह-जगह मिलेट्स कैफे नजर आने लगे हैं. मिलेट्स को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम के तहत भी सिलेक्ट किया गया है. श्री अन्न उगाने वाले किसान छोटे किसान हैं. भारत में मिलेट्स की पैदावार से करीब ढाई करोड़ छोटे किसान सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं.
पीएम ने कहा कि श्रीअन्न केमिकल मुक्त खेती का सबसे बड़ा आधार है. कई राज्यों में मिलेट्स की खेती प्रमुखता से की जा रही है. भारत का मिशन देश के ढाई करोड़ किसानों के लिए वरदान साबित होने जा रहा है. क्योंकि आजादी के बाद पहली बार मिलेट्स पैदा करने वाले ढाई करोड़ छोटे किसानों की किसी सरकार ने सुध ली है. क्योंकि इसका मार्केट बढ़ने से किसानों को सीधे तौर पर फायदा होगा. उनकी आय बढ़ेगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी ग्रोथ मिलेगी.
श्री अन्न पर काम करने वाले 500 से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं. स्वयं सहायता समूहों की मदद से महिलाएं भी मिलेट्स के प्रोडक्ट बना रही हैं. गांव से निकलकर ये प्रोडक्ट सुपरमार्केट तक पहुंच रहे हैं. यानी देश में पूरी सप्लाई चेन विकसित हो रही है. इससे युवाओं को न सिर्फ रोजगार मिल रहा है. बल्कि छोटे किसानों की भी मदद हो रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस समय G20 की अध्यक्षता कर रहा है. भारत का लक्ष्य है वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर यानी (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) है. पूरे विश्व को एक परिवार मानने की भावना इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर में भी झलकती है.
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे गर्व है कि भारत ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ का नेतृत्व कर रहा है. ग्लोबल मिलेट्स कॉन्फ्रेंस जैसे आयोजन भारत की बढ़ती जिम्मेदारी का प्रतीक भी हैं.
इथियोपिया की राष्ट्रपति सहले-वर्क ज़ेवडे ने कहा कि भुखमरी को खत्म करने, जलवायु परिवर्तन को अपनाने और कृषि खाद्य पदार्थों को बदलने के लिए मिलेट्स बेहद महत्वपूर्ण हैं. मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन मिलेट्स के प्रति बनाई जाने वाली नीतियों की ओर ध्यान आकर्षित करेगा.