बाघों का कुनबा बढ़ाने की तैयारी…मोतीचूर रेंज के जंगल में छोड़ी गई बाघिन 

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हरिद्वार। राजाजी टाइगर रिजर्व के पश्चिमी क्षेत्र में बाघों का कुनबा बढ़ाने के उद्देश्य से शनिवार को कॉबेट पार्क से लाई गई एक बघिन को मोतीचूर रेंज के जंगल में छोड़ा गया. बघिन को छोड़ने के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव, उत्तराखंड वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव समेत विभागीय अधिकारीगण मौजूद रहे.

आज सुबह करीब साढ़े 6 बजे मुख्यमंत्री ने बाघिन को छोड़ने के लिए बाड़े का गेट खोला. बाघिन को सोमवार रात को कार्बेट पार्क से मोतीचूर रेंज में लाया गया था. जहां उसे बाड़े में रखा गया. इस दौरान बाघिन के व्यवहार और स्वास्थ्य की निगरानी की गई. जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व से राजाजी टाइगर रिज़र्व में बाघ और बाघिनों को शिफ्ट किया जा रहा है.























बता दें कि इससे पहले 24 दिसंबर 2020 को एक बाघ और 9 जनवरी 2021 को एक बाघिन को यहां लाया जा चुका है. आने वाले दिनों में अभी दो और बाघ को यहां लाए जाने की योजना है. राजाजी पर्यटन का बड़ा हब है. पर्यटन बड़े इसके लिए बाघों के कुनबे को बढ़ाया जा रहा है. प्रधानमंत्री के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन पर कार्य किया जा रहा है.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि मोतीचूर राजाजी नेशनल पार्क हमारा देहरादून हरिद्वार पौड़ी जनपद और इस पूरे क्षेत्र में ऋषिकेश पर्यटन का बड़ा हब है. लोगों का यहां पर आना जाना रहता है. पर्यटकों के देखने के लिए यहां पर एक मादा टाइगर को छोड़ा जा रहा है. निश्चित रूप से यह इकोलॉजिकली इकोनॉमी संतुलन और पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक मील का पत्थर स्थापित होगी.

सीएम ने आगे कहा, हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने इकोलॉजी और इकोनॉमी का संतुलन का जो सूत्र निकाला है, उससे देश आगे बढ़ा है. प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन भी हो रहा है, पर्यटन भी बढ़ा है और पर्यावरण का संरक्षण भी हो रहा है. आज इस अवसर पर देश के वन मंत्री भूपेंद्र यादव भी पहुंचे हैं. मैं उनका भी धन्यवाद करता हूं. केंद्रीय वन मंत्री से हमारी वन भूमि संबंधी जो मांगे हैं, उसके संबंध में बात हुई है. उन्होंने मांगों को लेकर आश्वासन दिया है. उत्तराखंड में 71% वन विभाग की भूमि है, इसलिए इनका निराकरण होना जरूरी है.



































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