नई दिलली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंचा गया है। पाकिस्तान की ओर से लगातार भारत पर मिसाइल, ड्रोन और फाइटर प्लेन से हमले किए जा रहे हैं। भारत भी जबरदस्त तरीके से पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई कर रहा है। अब भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के सामरिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण हवाईअड्डे सरगोधा एयरबेस को तबाह कर दिया है। इस एयरबेस की सेटेलाइट तस्वीर में रनवे पर गहरे गड्ढे की तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। तस्वीर में साफ पता चलता है कि रनवे पूरी तरह से तहस-नहस हो गया है।






यह जानकारी ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) विश्लेषक, सैन्य गतिविधियों और भू-राजनीतिक घटनाओं की निगरानी के लिए जाने-माने एक्सपर्ट Damien Symon की ट्वीट से मिली है। उन्हें एक्स पर ट्वीट कर सरगोधा एयरबेस रनवे की दो सैटेलाइट तस्वीर साझा की है। एक तस्वीर हमले के पहले की है। दूसरी तस्वीर हमले के बाद की है। इसमें साफ दिखाई दे रहा है कि हमले के बाद रनवे के बीचोबीच में एक गहरा गड्ढा हो गया है।
सरगोधा एयरबेस पाकिस्तान के लिए क्यो था महत्वपूर्ण?
1. प्रमुख ऑपरेशनल एयरबेस
सरगोधा एयरबेस (Sargodha Air Base) पाकिस्तान के लिए रणनीतिक और सैन्य दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण एयरबेस रहा है। यह पाकिस्तान वायुसेना का एक प्रमुख ऑपरेशनल बेस है। इन कारणाों से यह एयरबेस काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
2. स्ट्रैटेजिक लोकेशन
सरगोधा एयरबेस पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है, जो भारतीय सीमा के नजदीक है। यह भारत के साथ हवाई युद्ध के लिए एक अहम हवाई पट्टी है।
3. पाक वायुसेना का प्रमुख केंद्र
यह PAF की नंबर 1 स्ट्राइक कमांड का मुख्यालय है, जो पाकिस्तान के हवाई हमले और रक्षा संचालन को नियंत्रित करता है। यहां F-16 और JF-17 थंडर जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान तैनात रहते हैं।
4. आधुनिक रडार और सुरक्षा प्रणाली
यहां एयर डिफेंस रडार और सर्विलांस सिस्टम मौजूद हैं, जो पाकिस्तान की वायु सीमाओं की निगरानी करते हैं। सरगोधा एयरबेस पर चीन के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास होते हैं, जिससे यह चीन-पाकिस्तान सैन्य गठजोड़ का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
1965 में भी भारत ने किया था तबाह
इससे पहले साल 1965 में भारत ने पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस पर एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें उनके कई विमान नष्ट हो गए थे। यह एयरबेस सेंट्रल एयर कमांड के अधीन है और इसमें कमांड मुख्यालय भी है। 2003 तक इसे पीएएफ बेस सरगोधा के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर भूतपूर्व बेस कमांडर और चीफ ऑफ द एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल मुशफ अली मीर के सम्मान में रखा गया, जिनका विमान उसी साल कोहाट के पास एक नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
पाकिस्तान बॉर्डर से सटे इलाकों में रात के समय नहीं चलेंगी ट्रेन, राजस्थान, पंजाब और जम्मू में होगा असर
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारतीय रेलवे ने बॉर्डर से जुड़े इलाकों में रात के समय ट्रेन नहीं चलाने का फैसला किया है। पाकिस्तान से सटे जम्मू और पंजाब के बॉर्डर एरिया में रात को ट्रेन नहीं चलेंगी। वहीं, राजस्थान के जैसलमेर रेलवे स्टेशन में भी रात के समय ब्लैक आउट होने पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। अब तक कुल 11 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं, 5 को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है और कुछ ट्रेनों को रीशेड्यूल किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमृतसर, बटिंडा, फिरोजपुर, जम्मू जैसी जगहों से रात को गुजरने वाली ट्रेनों को अब रीशेड्यूल किया जाएगा। इन जगहों से गुजरने वाली ट्रेनों को रीशेड्यूल करके सुबह के वक्त चलाया जाएगा। वहीं, छोटी दूरी की ट्रेनों को कैंसिल करने का फैसला किया गया है। जैसलमेर में हाई रेड अलर्ट है। ऐसे में जिला प्रशासन की सलाह पर जैसलमेर रेलवे स्टेशन में ट्रेनों का आवागमन बंद कर दिया गया है।
दिन में चलाई जाएंगी स्पेशल ट्रेन
जानकारी के अनुसार जो ट्रेन बॉर्डर एरिया में रात को पहुंच रही थी, जैसे अमृतसर, जम्मू और फिरोजपुर उन्हें सुबह वहां पहुंचाया जाएगा। इस फैसले के कारण 15 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित होंगी। हालांकि, यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने स्पेशल ट्रेन दिन में चलने का फैसला किया है। दिन में चलने वाली सभी ट्रेनें जैसे चलती थी, वैसे ही चलेंगी। शाम को ब्लैकआउट होने की वजह से यह फैसला लिया गया है। पंजाब, जम्मू और राजस्थान के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी है।
भारतीय ट्रैवल कंपनियों ने तुर्किये और अजरबैजान के लिए पैकेज किए निलंबित
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मौजूदा संघर्ष में पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए तुर्किए और अज़रबैजान को भारी पड़ गया है। प्रमुख ट्रैवल कंपनियों ने इन दोनों देशों के लिए सभी ट्रैवल पैकेज निलंबित कर दिए हैं। यह कदम भारत के साथ चल रहे संघर्ष के दौरान दोनों देशों द्वारा पाकिस्तान को सार्वजनिक समर्थन देने के बाद उठाया गया है।
अज़रबैजान, उज्बेकिस्तान और तुर्किए का पैकेज कैंसिल
ईजमाईट्रिप, कॉक्स एंड किंग्स और ट्रैवोमिंट ने देश की भावना के अनुरूप फैसला लेते हुए तुर्की और अज़रबैजान के लिए बुकिंग पर पूरी तरह रोक लगाने की घोषणा की है। कॉक्स एंड किंग्स के निदेशक करण अग्रवाल ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर हमने अज़रबैजान, उज्बेकिस्तान और तुर्की के लिए सभी ट्रैवल पैकेज रोकने का फैसला किया है। यह निर्णय हमारे और हमारे देश के लोगों के लिए महत्वपूर्ण सिद्धांतों को बनाए रखने की हमारी प्रतिबद्धता से प्रेरित है। उन्होंने भारतीय यात्रियों को सलाह दी कि जब तक स्थिति स्पष्ट न हो जाए, वे इन गंतव्यों से बचें।
संवेदनशील क्षेत्रों की यात्रा से बचें
ईजमाईट्रिप के संस्थापक और अध्यक्ष निशांत पिट्टी ने इन अनिश्चित समय में यात्रियों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हाल के घटनाक्रमों से हम बहुत चिंतित हैं। ईजमाईट्रिप में यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम अपने सभी ग्राहकों को सलाह देते हैं कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें और संवेदनशील क्षेत्रों की यात्रा की योजना बनाने से पहले आधिकारिक यात्रा सलाह पर अपडेट रहें।
इसके तुरंत बाद ट्रैवोमिंट भी इस अभियान में शामिल हो गया। सीईओ आलोक के सिंह ने कंपनी के रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तान और तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों के साथ बढ़ते तनाव के कारण हमने जिम्मेदाराना रुख अपनाया है। आलोक सिंह ने कहा कि हमने तुर्की और अजरबैजान का बहिष्कार करने के भारतीयों के आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है। बता दें कि भारत से बड़ी संख्या में लोग तुर्किए और अज़रबैजान घूमने के लिए जाते हैं। इससे उन्हें करोड़ों रुपये मिलते हैं। ट्रैवल पैकेज सस्पेंड किए जाने से तुर्किए और अज़रबैजान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच दुश्मन के निशाने पर सरकारी वेबसाइटें, चेतावनी जारी
भारत और पाकिस्तान में जारी टेंशन के बीच अब सरकारी वेबसाइटें दुश्मन देश के निशाने पर है. बढ़ते सैन्य तनाव के बीच साइबर हमलों की आशंका भी तेज हो गई है. इसको लेकर महाराष्ट्र साइबर विभाग ने शनिवार को एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सीमा पार से दुश्मन भारत के खिलाफ एक अलग किस्म का ‘साइबर युद्ध’ छेड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
पाकिस्तान के निशाने पर भारत की सरकारी वेबसाइटें
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र साइबर विभाग के अधिकारियों ने बताया, ‘ये साइबर हमले विशेष रूप से सरकारी वेबसाइटों और अहम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना रहे हैं. इनका मकसद प्रशासनिक कार्यों में बाधा डालना और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अफवाहें फैलाकर अस्थिरता पैदा करना है.
विभाग ने बताया कि हाल के दिनों में डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) अटैक और डिजिटल डिफेसमेंट जैसे प्रयासों में तेजी आई है. इन हमलों का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को बाधित करना और संस्थानों की साख को नुकसान पहुंचाना है.
महाराष्ट्र सरकार ने जारी की चेतावनी
इसके अलावा, साइबर हमलावर मैलवेयर से संक्रमित फाइलों के जरिए पर्सनल यूजर्स के कंप्यूटर्स को भी हैक करने की कोशिश कर रहे हैं. महाराष्ट्र साइबर विभाग ने बताया कि वह लगातार इन गतिविधियों की निगरानी कर रहा है और संभावित खतरों से निपटने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी किया जा रहा है.
इसके साथ ही, जिन विभागों और संस्थानों को निशाना बनाया गया है, उन्हें चेतावनी दी गई है और तत्काल प्रतिक्रिया के लिए निर्देश दिए गए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पर 10 लाख से अधिक साइबर हमले दर्ज किए गए हैं जिनमें पाकिस्तान, मध्य एशियाई देशों और मोरक्को जैसे देशों के हैकर समूह शामिल हैं.
पाक हमले के घायलों के लिए आगे आई पंजाब सरकार, मंत्री कुलदीप धालीवाल ने किया ये ऐलान
Punjab News: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति जारी है. वहीं जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों से पाकिस्तानी हमले में कुछ लोग घायल हुए हैं. पंजाब सरकार ने कहा है कि उन लोगों को पंजाब सरकार की ओर से अमृतसर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका पूरी तरह से मुफ्त इलाज किया जा रहा है. पंजाब सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि घायलों की देखभाल में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और उनका समुचित इलाज सरकार की ओर से नि:शुल्क किया जाएगा.
पंजाब के NRI मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ के जरिए यह जानकारी दी. उन्होंने अपने आधिकारिक अकाउंट से बताया कि अमृतसर के सरकारी अस्पताल में इलाजरत सभी घायल नागरिकों को हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी हमले में घायल हुए हर इंसान का पूरा इलाज मुफ्त किया जाएगा.”
घटना के बाद पंजाब सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का फैसला लिया. अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें समय पर जरूरी इलाज मिले.
घरों में ही रहें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें- धालीवाल
इससे पहले भी आम आदमी पार्टी पंजाब ने पोस्ट कर जानकारी दी कि सीमा क्षेत्र के अमृतसर साहिब में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार लोगों की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर निरंतर प्रयासरत है. इस दौरान उन्होंने पूंछ हमले में घायल लोगों की स्थिति की जानकारी ली और लोगों से अपील की कि वे घरों में ही रहें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें.
बता दें कि बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी और हमलों में कई नागरिक घायल हुए थे. इनमें से कई को पंजाब के अमृतसर लाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है.
पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके में विशेष अलर्ट, घर से बाहर ना निकलें लोग
भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते संघर्ष को देखते हुए अब कई जिलों और राज्यों में हाईअलर्ट घोषित किया गया है। सीमावर्ती राज्यों में विशेष सर्तकता का निर्देश दिया गया है। जो जिले पाकिस्तान की सीमा से लगते हैं, वहां पर पाकिस्तान कभी भी कुछ भी गलत हरकत कर सकता है। इसकी आशंका काफी ज्यादा है। वैसे भी जहां एक ओर भारतीय सेना की ओर से आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है, वहीं पाकिस्तान आम नागरियों पर हमला कर रहा है। इस बीच गुजरात के कच्छ में खास निर्देश जारी किए गए हैं। वहां पर लोगों से घरों में ही रहने की अपील की गई है।
कच्छ में घरों से बाहर ना निकलें लोग
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष के बीच गुजरात के कच्छ में प्रशासन ने शनिवार को नागरिकों से घरों के अंदर रहने और बिना वजह बाहर नहीं निकलने को कहा है। भारतीय सेन ने शुक्रवार रात कच्छ में पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को विफल कर दिया था। कच्छ और गुजरात के दो अन्य जिलों में ब्लैकआउट किया गया था। इसके बाद प्रशासन ने यह एडवाइजरी जारी की है। कच्छ के जिलाधिकारी ने शनिवार सुबह प्रशासन के आधिकारिक एक्स अकाउट पर लिखा है कि सभी नागरिक घरों के अंदर रहें। अगर बहुत जरूरी नहीं है तो घरों से बाहर न निकलें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। घबराएं नहीं।
कच्छ में भी देखे गए थे पाकिस्तान ड्रोन
सेना ने शुक्रवार को बताया कि जिला मुख्यालय भुज पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित उन 26 स्थानों में से एक है जहां ड्रोन देखे गए थे। कच्छ जिले में ब्लैकआउट किया गया था। साथ ही भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक स्थित बनासकांठा और पाटन जिलों के कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित कर दी गई। उन्होंने बताया कि पाटन के संतालपुर तालुका की सीमा से लगे कुछ गांवों में ‘ब्लैकआउट’ किया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को सशस्त्र बलों के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें राज्य में अपने अभियान चलाने में किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पाकिस्तान के हर हमले को किया जा रहा है नाकाम
इस बीच रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि दुश्मन की ओर से हवाई अड्डों और एयरबेस सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर किए गए हमलों को विफल कर दिया गया। पाकिस्तान की ओर से यह ताजा हमला ऐसे समय में हुआ जब एक दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तानी सेना द्वारा ड्रोन और मिसाइल के जरिए भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के प्रयासों को विफल कर दिया था।
(pti input)
