बेंगलुरू, ISRO के पूर्व प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन का आज सुबह 10:43 बजे बेंगलुरु में निधन हो गया. डॉ. के. कस्तूरीरंगन एक प्रसिद्ध भारतीय खगोल वैज्ञानिक थे. उनका जन्म 24 अक्टूबर 1940 को हुआ था. उनके पार्थिव शरीर को रविवार 27 अप्रैल को सुबह 10:00 से 12:00 बजे तक आरआरआई में रखा जाएगा, जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकते हैं.
शिक्षा और करियर





– डॉ. कस्तूरीरंगन ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक और भौतिक विज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की.
– उन्होंने 1971 में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद से प्रायोगिक उच्च ऊर्जा खगोल विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.
– उन्होंने इसरो में विभिन्न पदों पर काम किया, जिसमें अध्यक्ष और सचिव के रूप में 9 वर्षों से अधिक समय तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व किया.
उपलब्धियां और पुरस्कार
– डॉ. कस्तूरीरंगन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए, जिनमें ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पीएसएलवी) और भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान (जीएसएलवी) के सफल प्रमोचन शामिल हैं.
– उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
– उन्हें विभिन्न वैज्ञानिक अकादमियों और संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है, जिनमें भारतीय विज्ञान अकादमी, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी और तीसरी दुनिया विज्ञान अकादमी शामिल हैं.
महत्वपूर्ण पद और सदस्यता
डॉ. कस्तूरीरंगन योजना आयोग के सदस्य रहे हैं. वह भारतीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष और भारतीय विज्ञान कांग्रेस के महासचिव रह चुके हैं.वह विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समितियों और संगठनों के सदस्य रहे हैं, जिनमें इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन और इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स शामिल हैं.
