बाघ का खौफ: 3 दिन में दो लोगों की ले चुका है जान..स्कूल बंद..25 गांवों में नाइट कर्फ्यू

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नई दिल्ली। उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक सप्ताह के भीतर बाघ ने दूसरे व्यक्ति को मार डाला, जिसके बाद लोगों में शिकारी बाघ का खौफ बढ़ गया है. स्थानीय लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है. इसके अलावा 25 गांवों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है.

पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लॉक में तीन दिन के अंदर बाघ ने दूसरे शख्स को अपना शिकार बनाया है. इस बार बाघ ने 75 वर्षीय व्यक्ति को मार डाला, जिसके बाद अधिकारियों को दो दर्जन गांवों में रात का कर्फ्यू लगाना पड़ा. डीएम आशीष चौहान ने बताया कि 25 गांवों में शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. इलाके के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को भी मंगलवार तक बंद रखने का आदेश दिया गया है.























वन रेंजर महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि रविवार को ग्रामीणों ने रणवीर सिंह नेगी का आधा खाया हुआ शव बरामद किया. वह कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पास कालागढ़ वन प्रभाग के सिमली गांव में अपने घर में अकेला रहता था. रावत ने कहा कि नेगी शनिवार से देहरादून में अपने रिश्तेदारों के टेलीफोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे थे.

 

झाड़ियों में मिला बुजुर्ग का शव

परिजनों ने मामले की जानकारी ग्रामीणों को दी और उनसे जाकर देखने के लिए कहा. जब कुछ ग्रामीण नेगी के घर पहुंचे तो रास्ते में उन्हें खून के धब्बे मिले. रावत ने कहा कि लंबी तलाश के बाद उन्हें उनके घर से करीब 150 मीटर दूर झाडियों से 70 साल की उम्र का आधा खाया हुआ शव बरामद हुआ. ये इलाके में तीन दिन में इस तरह की दूसरी घटना है.

13 अप्रैल को किया था पहला शिकार

इससे पहले 13 अप्रैल को 72 वर्षीय बीरेंद्र सिंह को बाघ ने अपना शिकार बनाया था. सिमली से 25 किमी दूर दल्ला गांव में अपने खेत में गेहूं की फसल काटने के लिए गए हुए थे. सोमवार को एक वीडियो सामने आया जिसमें दल्ला गांव के खेतों में एक बाघ खुलेआम घूमता नजर आ रहा है जबकि कुछ मीटर की दूरी पर मवेशी चर रहे हैं.

बाघ को आदमखोर घोषित करने की गुहार

वन रेंजर रावत ने कहा कि बाघ के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये दिए जाएंगे. वहीं कोटद्वार विधायक दिलीप सिंह कुंवर ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बाघ को आदमखोर घोषित करने की गुहार लगाई है.

बाघ को पकड़ने के लिए गांव में लगाया गया पिंजरा

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए एक गांव में पिंजरा लगाया गया है. ग्रामीणों को यह भी सलाह दी गई है कि वे अपने पशुओं के लिए चारा लाने के लिए जंगलों में न जाएं. पशुपालन विभाग को फिलहाल लोगों के घर-द्वार पर पशु चारा उपलब्ध कराने को कहा गया है.



































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