नई दिल्ली। सिख विरोधी दंगे (1984) से जुड़े मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में पीड़िता की आंख के सामने भीड़ ने उनके पति और बेटे की हत्या कर दी थी। बाद में आग के हवाले कर दिया था।
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विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि साक्ष्य और पीड़ितों के बयान से यह साबित हुआ है कि लाठी और सरिया जैसे घातक हथियारों से लैस भीड़ को सज्जन कुमार (Congress Leader sajjan kumar) भड़का रहे थे। जिसके बाद भीड़ ने न सिर्फ दंगा फैलाया बल्कि हत्याओं को भी अंजाम दिया।
पीड़ितों के वकील एचएस फुल्का ने सज्जन कुमार को सजा मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सज्जन कुमार की उम्र 80 से अधिक है, ऐसे में कोर्ट ने सज्जन को दो उम्रकैद की सजा सुनाई है। पहला मामला आईपीसी की धारा 302 है। जबकि दूसरे में 436 के तहत फैसला सुनाया गया है। दोनों में उम्रकैद की सजा मिली है। अब इस लेख में पढ़िए घटना की तारीख से लेकर फैसले की तारीख।
सिख दंगा क्रोनोलॉजी
31 अक्टूबर 1984: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर को भड़के दिल्ली समेत देशभर में सिख विरोधी दंगे।
एक नवंबर 1984: सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह की हुई हत्या की गई थी।
वर्ष 1991 : मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई।
आठ जुलाई 1994: दिल्ली की अदालत ने पाया कि सज्जन कुमार के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य नहीं है और उसके विरुद्ध आरोप पत्र भी नहीं दाखिल गया था।
आठ मई 2000: गृह मंत्रालय ने दंगे की जांच के लिए जीटी नानावती आयोग का गठन किया।
24 अक्टूबर, 2005: सीबीआई ने नानावती कमीशन की सिफारिश पर केस दर्ज किया।
एक फरवरी, 2010: ट्रायल कोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार, बलवान खोकर, महेंद्र यादव, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल, किशन खोकर, महा सिंह और संतोष रानी को समन जारी किया।
12 फरवरी, 2015: गृह मंत्रालय ने वर्ष 1984 के दंगों के मामलों की दोबारा जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
23 नवंबर, 2016: शिकायतकर्ता ने अपना बयान दर्ज कराया।
छह अप्रैल, 2021: सज्जन कुमार को जेल से गिरफ्तार किया गया, एक अन्य मामले में सज्जन कुमार आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
16 दिसंबर, 2021: पुलिस जांच को ध्यान में रखते हुए अदालत ने सज्जन के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सितंबर 2023: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सुल्तानपुरी में 3 लोगों की हत्या मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था।
12 फरवरी 2025: विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सज्जन कुमार को दोषी करार दिया।
25 फरवरी 2025: आईपीसी की धारा 302 और 436 के तहत सज्जन कुमार को मिली उम्रकैद की सजा।
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