रायगढ़

Raigarh: दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल में छात्रों को साइबर अपराधों से सतर्क रहने की दी गई सीख, डीएसपी अनिल विश्वकर्मा ने सोशल मीडिया, डिजिटल ट्रांजेक्शन और गेमिंग ऐप्स से जुड़े खतरों पर किया जागरूक, छात्रों को बताई डिजिटल सुरक्षा की जरूरी बातें

 

रायगढ़, 5 अगस्त 2025 – पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा-निर्देशन में साइबर जागरूकता को लेकर जिले में लगातार प्रभावशाली अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज साइबर सेल रायगढ़ के उप पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा एवं उनकी टीम ने दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल पहुंचकर छात्र-छात्राओं को इंटरनेट की सुरक्षित उपयोगिता और साइबर अपराधों से बचाव के गुर सिखाए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं, शिक्षक और स्टाफ मौजूद थे।

कार्यक्रम में डीएसपी श्री विश्वकर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि सोशल मीडिया जितना उपयोगी है, उतना ही सतर्कता से इसका प्रयोग करना भी जरूरी है। उन्होंने अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करने, निजी फोटो-वीडियो साझा न करने और पर्सनल जानकारी किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साझा करने से बचने की सलाह दी। सोशल मीडिया प्रोफाइल की क्लोनिंग कर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों की सक्रियता के उदाहरण भी विद्यार्थियों को समझाए गए। उन्होंने व्हाट्सएप पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन को अनिवार्य रूप से एक्टिव रखने की सलाह देते हुए बताया कि यह सुरक्षा की पहली दीवार है, जिससे किसी अन्य को आपके अकाउंट का गलत उपयोग करने से रोका जा सकता है।

छात्रों को बताया गया कि साइबर ठग आजकल अनजान लिंक, फर्जी ईमेल और पेमेंट ऐप्स के माध्यम से धोखाधड़ी करते हैं। इसलिए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और अज्ञात स्रोत से आए QR कोड या लिंक को स्कैन न करें। ऑनलाइन पेमेंट करते समय कभी भी अपनी UPI ID, ओटीपी या बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें।

साइबर सेल के प्रधान आरक्षक दुर्गेश सिंह ने गेमिंग ऐप्स के ज़रिए हो रहे मानसिक शोषण, आर्थिक ठगी और बच्चों को हिंसक प्रवृत्तियों में ढकेलने वाले ऑनलाइन गेम्स के खतरे बताए। उन्होंने फ्री रिवॉर्ड, लेवल पास करने के नाम पर डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगने वाले गेम्स से दूर रहने की सलाह दी और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे ये जानकारियां अपने माता-पिता और परिजनों तक भी पहुंचाएं।

इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्या श्रीमती प्रिया सिंह एवं अन्य शिक्षकों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि आज के दौर में जब हर बच्चा इंटरनेट और मोबाइल से जुड़ा है, ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए न सिर्फ प्रासंगिक हैं बल्कि समय की आवश्यकता भी हैं। प्राचार्या ने जिला पुलिस के इस प्रयास की सराहना करते हुए भविष्य में भी इस तरह के सत्र आयोजित करने की मांग की।

कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने भी साइबर अपराधों से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जिनका साइबर सेल टीम द्वारा सरल भाषा में उत्तर दिया गया। इस पहल से स्कूल के छात्र-छात्राओं में डिजिटल सुरक्षा को लेकर एक नई जागरूकता दिखाई दी।

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