Raigarh: पनवाड़ी का बेटा प्रथम थवाईत बना मैकेनिकल इंजीनियर, गोल्ड मेडल से हुआ सम्मान

रायगढ़। कड़ी मेहनत और लगन से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है, यह साबित कर दिखाया है रायगढ़ के प्रथम थवाईत ने। शहर के एक साधारण पानवाले के बेटे प्रथम ने बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में भी अपनी सफलता का परचम लहराया।
रायगढ़ के कार्मेल स्कूल रोड पर पान की दुकान चलाने वाले पप्पू लाल थवाईत के बेटे प्रथम ने अपनी मेहनत और लगन से शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल के साथ अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, प्रथम ने जिंदल के अंगुल प्लांट में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर अपना करियर भी शुरू कर दिया है। उनकी इस उपलब्धि से चांदनी चौक और पुरानी बस्ती का थवाईत परिवार गर्व महसूस कर रहा है।
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में भव्य दीक्षांत समारोह
सोमवार को ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ में पांचवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में ओपी जिंदल स्कूल के सभागार में प्रोफेसर विजय कुमार गोयल, श्रीमती शालू जिंदल, सब्यसाची बंद्योपाध्याय, डॉ. आरडी पाटीदार और डॉ. अनुराग विजयवर्गीय जैसे गणमान्य लोग मौजूद रहे। समारोह के दौरान स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट और स्कूल ऑफ साइंस के कुल 546 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 22 स्वर्ण, 23 रजत और 21 कांस्य पदक भी प्रदान किए गए।
इसी समारोह में पुरानी बस्ती के रहने वाले प्रतिभाशाली युवा प्रथम कुमार थवाईत को उनकी असाधारण शैक्षणिक उपलब्धि के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। वर्तमान में जेएसपी अंगुल, ओडिशा में मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में कार्यरत प्रथम की सफलता से थवाईत समाज और उनके सभी रिश्तेदार व दोस्त बेहद खुश हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं।






