छत्तीसगढ़ के जंगलों में गोलियों की तड़तड़ाहट, नेशनल पार्क मुठभेड़ में 2 नक्सली ढेर, हथियार बरामद

बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान लागातार जारी है। नक्सली या तो आत्मसमर्पण कर रहे हैं, या फिर सुरक्षाबलों के हाथों एनकाउंटर में ढेर हो रहे हैं। इसी बीच बीजापुर जिले में आज यानी शनिवार को जवानों ने 2 नक्सली को ढेर कर दिया है। इनके पास से ऑटोमेटिक हथियार बरामद किया गया है। फिलहाल नेशनल पार्क इलाके में यह मुठभेड़ अब भी जारी है।
बता दें कि नेशनल पार्क एरिया में दो दिन के अंदर दो बड़े नक्सली मारे गए हैं। गुरुवार को जहां फोर्स ने सेंट्रल कमेटी मेंबर और एक करोड़ के इनामी सुधाकर को ढेर किया तो वहीं शुक्रवार दोपहर को तेलंगाना स्टेट कमेटी का मेंबर और 25 लाख का इनामी भास्कर मारा गया। नेशनल पार्क एरिया में नक्सलियों के कुछ टॉप लीडर से लेकर निचले स्तर के कैडर फोर्स के निशाने पर आ चुके हैं। सूत्र बता रहे हैं कि नेशनल पार्क एरिया में इस वक्त तेलुगु कैडर के कुछ नक्सली फंसे हुए हैं, जिनमें से दो को फोर्स ने दो दिनों के भीतर ढेर कर दिया है।
डीआरजी और एसटीएफ ने चलाया संयुक्त ऑपरेशन
सुधाकर की मौजूदगी की पक्की सूचना मिलने के बाद जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और विशेष कार्य बल (STF) की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को नेशनल पार्क इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सघन जंगल और कठिन इलाके में हुई इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने बेहद सूझबूझ और रणनीतिक तरीके से कार्रवाई करते हुए सुधाकर को मार गिराया। इस अभियान में कई आधुनिक हथियार और दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
बसव राजू के मारे जाने के बाद भगदड़ की स्थिति
पिछले महीने 21 तारीख को नक्सल इतिहास की सबसे बड़ी सफलता फोर्स को मिली। अबूझमाड़ के जंगल में नक्सलियों का चीफ और सेंट्रल कमेटी का महासचिव बसव राजू ढेर कर दिया गया। उसके साथ 27 अन्य नक्सली भी मारे गए थे। बसव राजू के मारे जाने के बाद से नक्सल संगठन में भगदड़ की स्थिति है। नक्सली जिस भी इलाके में मूवमेंट कर रहे हैं वे फोर्स के निशाने पर आ जा रहे हैं।
लगातार बड़े नक्सली लीडर मारे जा रहे
इससे पहले 21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए। इसमें 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी था।
21 मई की मुठभेड़ से 7 दिन पहले पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्रेगुट्टा ऑपरेशन की भी जानकारी दी थी। इसमें 31 नक्सलियों को मार गिराया था। छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक ऑपरेशन चलाया था।