छत्तीसगढ़

सुकमा में सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 16 नक्सली ढेर, दो जवान घायल

 

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार सुबह सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। मुठभेड़ में अब तक 16 नक्सली मारे गए हैं। इंसास और SLR समेत बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। मरने वाले नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है। एक साल के अंदर अब तक 410 नक्सली मारे जा चुके हैं।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने अपडेट देते हुए बताया कि 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। दो जवानों को मामूली चोटें आईं हैं। खबर है कि इस मुठभेड़ में डीवीसीएम जगदीश ढेर हो गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा कि मुठभेड़ केरलापाल थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक जंगल में हुई है। मुठभेड़ उस वक्त हुई जब सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।

आगे बताया कि केरलापाल क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर शुक्रवार रात को अभियान शुरू हुआ। अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शामिल हैं।

दो जवान घायल, अस्पताल में हुए भर्ती
सुकमा पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, जिला सुकमा के थाना केरलापाल क्षेत्र में माओवादियों के उपस्थिति की सूचना परब 28 मार्च को जिला सुकमा डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त पुलिस पार्टी नक्सल विरोधी सर्च अभियान में रवाना हुए हुई। अभियान के दौरान आज सुबह सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच रूक-रूक कर मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ स्थल और आस-पास क्षेत्रों की सुरक्षाबलों द्वारा सघन सर्चिंग जारी है। जवानों ने नक्सलियों को चारों तरफ से घेर रखा है। मुठभेड़ में डीवीसीएम केडर के नक्सलिक जगदीश के भी मारे जाने की खबर है। हाल ही में 25 लाख का नक्सली सुधाकर भी मार गिराया गया था। मुठभेड़ में दो जवान घायल हुए हैं, जिन्हें सुकुमा के स्थानीय अस्पताल में लाया गया है।

केरलापाल में ही पूर्व कलेक्टर को बनाया था बंधक
केरलापाल वही इलाका है। जहां नक्सलियों ने पूर्व कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन को बंधक बनाया था। जिसे छुड़ाने के लिए नक्सलियों से बातचीत करनी पड़ी थी।

मौके से मिला हथियारों का जखीरा
मुठभेड़ स्थल से जवानों को मौके से 10 से ज्यादा एके-47, इंसास राइफल, एसएलआर जैसे ऑटोमेटिक हथियार मिले हैं। इससे स्पष्ट होता है कि वहां पर नक्सलियों के बड़े लीडर जमा हुए थे। ऐसे में अन्य बड़े नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है। वर्तमान समय पतझड़ का चल रहा है। ऐसे समय में नक्सल एरिया में सर्चिंग करना जवानों के लिए काफी परेशानी का काम होता है। क्योंकि पतझड़ होने से नक्सलियों को जवानों के आने की जानकारी मिल जाती है। पत्तों के ऊपर जवानों के चलने से आवाज होती है। जिससे नक्सलियों को भनक लग जाती है।

 

 

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