छत्तीसगढ़

शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शनः ED के लपेटे में लखमा, पूर्व मंत्री और उनके करीबियों के सुकमा-कोंटा और रायपुर के ठिकानों पर छापा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल में हुए शराब घोटाले पर शनिवार को बड़ा एक्शन हुआ है। उस वक्त आबकारी मंत्री रहे और वर्तमान में सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा क्षेत्र से विधायक कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के सुकमा-कोंटा और रायपुर स्थित घरों पर ED ने छापा मारा है। राजधानी रायपुर में धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले में ED की टीम पहुंची है। लखमा के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी के मकान पर भी ED ने दबिश दी है। उधर सुकमा जिले में लखमा के बेटे हरीश कवासी के साथ नगर पालिका के अध्यक्ष राजू साहू के घर भी छापा पड़ा है। ED की टीमें इन सभी ठिकानों पर अलसुबह ही पहुंच गई थीं। फिलहाल उक्त सभी जगहों पर छानबीन और पूछताछ चल रही है।

सीआरपीएफ जवानों के साथ पहुंची है ED की टीम
उल्लेखनीय है कि, शराब घोटाले में जिल लोगों के खिलाफ FIR हुई है, उनमें पूर्व मंत्री कवासी लखमा का नाम भी शामिल है। कहा जा रहा है कि, हर महीने श्री लखमा को 50 लाख की रकम इस घोटाले से दी जाती थी। कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी अब सुकमा जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं। ED की टीम उनके घर पर भी छानबीन कर रही है। जहां-जहां भी ED की टीम पहुंची है, वहां-वहां सीआरपीएफ के जवानों ने घेरा डाला हुआ है।

दो पूर्व मंत्रियों पर भी FIR
साल 2018 से 23 तक कांग्रेस शासनकाल में छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले में ED ने उस वक्त के दो मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल सोरी के नाम शामिल हैं।

ढेबर और त्रिपाठी मास्टरमाइंड
वहीं 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ED ने IAS अफसर, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। जिसके बाद ACB इस मामले में अलग से कार्रवाई कर रही है।

घाटालेबाज आधे जेल में, आधे बेल में हैं : कौशिक
वहीं अब पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के घर ED के छापे पर भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। वरिष्ठ भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने इस पर कहा है कि, पूर्व भ्रष्ट सरकार के आबकारी मंत्री रहे हैं कवासी लखमा। कोयले और शराब घोटाले में कई नेता बेल और जेल में हैं। जाँच एजेंसी को गड़बड़ी की मिली होगी इनपुट। छत्तीसगढ़ में ये पहला मामला नहीं है, प्रदेश में जहाँ-जहाँ जाँच एजेंसी ने छापा मारा वहाँ-वहाँ प्रमाणित गड़बड़ियां मिली हैं। एफआईआर दर्ज हुई है। आधे जेल में आधे बेल में हैं।

न्यूज साभार हरिभूमि

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