दंतेवाड़ा। तेलंगाना के खम्मम जिला में काम करने गए छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के दो मजदूरों की जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आने से मौत हो गई। दोनों मृतक सगे भाई थे, जोकि काम के लिए तेलंगाना गए थे। इस घटना में दंतेवाड़ा के गुडसे गांव का एक मजदूर बेहोश हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार तेलंगाना के खम्मम जिला में लक्ष्मीनगर में एक अंडा रखने के लिए प्लास्टिक ट्रे बनाने की एक फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में बड़े से कुएं में उतरकर मजदूर काम कर रहे थे। इसी दौरान पांच मजदूर बेहोश हो गए जिनमें तीन दंतेवाड़ा के कटेकल्याण ब्लाक के गुडसे गांव के रहने वाले थे और दो तेलंगाना के मजदूर थे। गुडसे गांव के एक मजदूर की तो जान बच गई पर दो सगे भाई जोगा और बुधराम की मौत हो गई।
परिवार में नहीं बचा कोई कमाने वाला
मृतक बुधराम की पत्नी हिमानी ने बताया, इस फैक्ट्री में एक कुआं है, जहां प्लास्टिक गलाया जाता है। वहीं उसके पति और देवर काम करते थे। जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आने से पहले उसके पति की मौत हुई, जिसे बचाने गए देवर की भी जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आने से मौत हो गई। एक ही घर में दो सगे भाइयों की मौत के बाद परिवार पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। परिवार में कमाने वाला अब कोई सदस्य नहीं बचा है, जो बुजुर्ग मां और मृतक बुधराम की पत्नी हिमानी की देखभाल कर सके।
दंतेवाड़ा से सैकड़ों की तादात में पलायन
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से सैकड़ों की तादात में फरवरी से मार्च के बीच मजदूर तेलंगाना, आंध्रप्रदेश पलायन कर चुके हैं। इन्ही मजदूरों में दंतेवाड़ा के कटेकल्याण ब्लाक के गुडसे ग्राम पंचायत के कानकीपारा के दो सगे भाई बुधराम और जोगा तेलंगाना के खम्मम जिला में काम करने गए थे।
पहले भी हो चुकी है मौत
इससे पहले भी दंतेवाड़ा के मजदूरों की आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में फैक्ट्री में हादसे के दौरान मौत हो चुकी है। दरअसल, मजदूरों को बिना सुरक्षा उपकरणों के जोखिम भरे कार्य करवाए जाते हैं, जिससे मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। गुडसे गांव में पूर्व सरपंच ने कहा, मजदूर पलायन कर रहें हैं और हादसों का शिकार हो रहे हैं। गांव में रोजगार नही मिल रहा है।