कबीरधाम। पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव रेंज अभिषेक शांडिल्य (भा पु से) के निर्देशानुसार, पुलिस अधीक्षक धमेन्द्र सिंह (आईपीएस) के नेतृत्व में कबीरधाम पुलिस द्वारा साइबर अपराधों के विरुद्ध लगातार सघन कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), गृह मंत्रालय, भारत सरकार के समन्वय पोर्टल से प्राप्त जानकारी के आधार पर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है।
जांच के दौरान ग्राम सुरजपुरा, पोस्ट रबेली, थाना बोड़ला जिला कबीरधाम निवासी मोहन लाल जायसवाल के विरुद्ध यह तथ्य उजागर हुआ कि वह टेलीग्राम जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से साइबर अपराधियों के संपर्क में आकर अपने नाम व परिजनों के नाम से 18 से अधिक बैंक खाते खुलवाकर ठगी की रकम प्राप्त करता था। प्राप्त जानकारी और लेनदेन विवरण के अनुसार, उसके खातों में अब तक ठगी की लगभग 1.5 करोड़ रुपये (डेढ़ करोड़) से भी अधिक की संदिग्ध राशि का लेनदेन पाया गया है। यह रकम विभिन्न ऑनलाइन ठगी शिकायतों से संबंधित है, जिसमें देशभर के लोग पीड़ित हैं।






मामले की जांच में यह सामने आया कि मोहन लाल ने “HK Pay” और “AC Pay” जैसे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़कर घर बैठे पैसे कमाने के लालच में यह आपराधिक कृत्य किया। उसे साइबर ठगी की रकम उसके बैंक खातों में प्राप्त होती थी, जिसे वह आगे बताए गए खातों में ट्रांसफर कर देता था, और इसके बदले उसे प्रत्येक लेन-देन पर कुछ कमीशन प्राप्त होता था।
साइबर क्राइम पोर्टल में ठगी की शिकायत दर्ज होने पर जब उसके पहले खाते फ्रीज हुए, तो उसने अपनी मां, पिता एवं अन्य परिजनों के नाम से भी बैंक खाते खुलवाए और वहीं गतिविधियाँ दोहराईं। आरोपी ने जिन बैंकों में खाते खुलवाए, उनमें प्रमुख रूप से बंधन बैंक, डीसीबी बैंक, आईडीबीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक शामिल हैं।
प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि आरोपी ने पैसों के लालच में सुनियोजित ढंग से साइबर अपराधियों के साथ मिलकर अपने खातों का उपयोग साइबर ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए किया है। इस आधार पर पुलिस चौकी पोड़ी में आरोपी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 317(4), 318(2) एवं 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विधि सम्मत कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
यह कार्यवाही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल एवं श्री पंकज पटेल के मार्गदर्शन में साइबर सेल के डीएसपी कृष्ण कुमार चंद्राकर के पर्यवेक्षण में साइबर सेल कबीरधाम और पुलिस चौकी पोड़ी के द्वारा संयुक्त कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही में साइबर सेल प्रभारी मनीष मिश्रा, ASI चंद्रकांत तिवारी, संजीव तिवारी, आरक्षक आकाश राजपूत, मनीष सिंह और चौकी पोड़ी से चौकी प्रभारी उप निरीक्षक विमल लावनिया, ASI संदीप चौबे का आरक्षक 558 लेखा चंद्रवंशी, आरक्षक 680 शैलेंद्र निषाद, आरक्षक 366 रवि आडिले, सहा.आर. 857 नरेंद्र चंद्रवंशी का विशेष योगदान रहा
कबीरधाम पुलिस की विशेष अपील – लालच में न आएं, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह ने आम नागरिकों, विशेषकर युवाओं से अपील की है कि वे घर बैठे जल्दी पैसा कमाने के झूठे वादों और लालच में न फंसें। वर्तमान में ऑनलाइन ठगी के गिरोह सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे टेलीग्राम, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि पर फर्जी नामों से ग्रुप बनाकर लोगों को लुभावने ऑफर देते हैं, जैसे – “बिना काम के घर बैठे पैसे कमाएँ”, “खाते में पैसा डालकर कमीशन पाएं”, “सिर्फ बैंक डिटेल देने पर रोज़ाना इनकम” आदि।
याद रखें – ऐसा कोई भी ऑफर, जो बहुत अच्छा लगे, वह अक्सर झूठ और फ्रॉड होता है।
ऐसे गिरोह आपके बैंक खाते का इस्तेमाल साइबर ठगी की रकम को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। यदि आप केवल ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, फिर भी आप अपराध के भागीदार माने जाते हैं। यह काम भारतीय न्याय व्यवस्था में गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके लिए जेल और आर्थिक दंड दोनों का प्रावधान है।
इसलिए, घर बैठे कमाई, तेजी से अमीर बनने, या ऑनलाइन कमीशन कमाने जैसी स्कीमों से सावधान रहें।
यदि कोई अनजान व्यक्ति आपको ऐसा कोई प्रस्ताव दे, तो उसके झांसे में आने के बजाय तुरंत अपने नजदीकी थाना या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सूचना दें।
कबीरधाम पुलिस सतर्क है, लेकिन आपकी सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
सोचें, समझें, साझा करें – खुद भी बचें और दूसरों को भी बचाएँ।
कबीरधाम पुलिस स्पष्ट करती है कि जिले में ऐसे और भी मामलों पर गहन जांच की जा रही है, और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सभी नागरिकों से अनुरोध है कि किसी अजनबी के कहने पर अपने बैंक खाता, मोबाइल नंबर, ओटीपी, या दस्तावेज़ किसी को भी न दें। यदि कोई व्यक्ति किसी स्कीम या ऑनलाइन ग्रुप में शामिल होने के लिए कहे, तो पहले उसकी पूरी जानकारी जांचें और संदेह होने पर तत्काल नजदीकी थाना या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर सूचना दें।
सतर्क रहें, जागरूक रहें – स्वयं को और समाज को साइबर अपराध से सुरक्षित रखें।
