कुरुद। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में तहसीलदार को सस्पेंड करने पर प्रदेशभर के तहसीलदार भड़क गए हैं। राज्यभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने बैठक कर कलेक्टर नम्रता गांधी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए उनको हटाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करने का फैसला लिया है। लेकिन जिले में ही पदस्थ अनुविभाग कुरूद के एक तहसीलदार व एक नायाब तहसीलदार ने इसका विरोध करते हुए आंदोलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।
तहसील कार्यालय भखारा में पदस्थ नायब तहसीलदार सुश्री ज्योति सिंह ने हरिभूमि को बताया है कि, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष ने कलेक्टर धमतरी नम्रता गांधी के ख़िलाफ़ तहसीलदार अनुज पटेल के निलंबन को लेकर मोर्चा खोल दिया है। उनकी माँग है कि, यदि कलेक्टर धमतरी नहीं हटाई जाती हैं तो सारे तहसीलदार हड़ताल पर चले जाएँगे। वहीं धमतरी जिले के ही तहसीलदार दुर्गा साहू एवं नायब तहसीलदार ज्योति सिंह ने संघ के इस निर्णय से असहमति जताई है और कहा है कि, वे और बहुत से तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल में नहीं जाएँगे। अध्यक्ष के द्वारा एकपक्षीय निर्णय लिया गया है। सबकी सहमति नहीं ली गई है।
कलेक्टर नम्रता गांधी की तारीफ की
उक्त दोनों तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ने नम्रता गांधी की सराहना की है और कहा है कि उनका कार्य सराहनीय रहा है। उनके द्वारा किसी भी तहसीलदार व नायब तहसीलदार के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया गया है। अपने अधिकारी व कर्मचारी के साथ हमेशा अच्छा व्यवहार किया गया है। ये बात खुद नायब तहसीलदार ज्योति सिंह व तहसीलदार दुर्गा साहू द्वारा कही गईं है व संघ द्वारा दी गई प्रेस विज्ञप्ति का खण्डन किया गया है और किसी भी प्रकार के हड़ताल में सहयोग न देने की बात कही गई है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल रायपुर कमिश्नर महादेव कावरे ने 11 सितंबर को बेलरगांव में पदस्थ तहसीलदार अनुज पटेल को निलंबित किया था। मुख्यालय से बाहर रहने और शासकीय कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई थी। कमिश्नर महादेव कावरे की ओर से किए गए निलंबन आदेश में कलेक्टर धमतरी नम्रता गांधी से मिले प्रतिवेदन का जिक्र है। कमिश्नर श्री कावरे ने बताया कि, धमतरी जिले के बेलरगांव के तहसीलदार के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थी।
काम में रुचि नहीं लेने की भी शिकायतें
तहसीलदार अनुज पटेल का बिना अनुमति या सक्षम स्वीकृति के मुख्यालय से बाहर रहने के आदी होने की शिकायतें भी मिली हैं।
उनके खिलाफ शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही और रूचि नहीं होने की शिकायतें भी मिली थीं। राजस्व संबंधी प्रकरणों के समाधान में न्यून प्रगति, प्रकरणों को लंबे समय तक लंबित रखने से आमजनों को भी परेशानी की शिकायत भी पटेल के विरूद्ध मिली थी।