गरजे संत, कहा- ‘जो हिंदू राष्ट्र की बात करेगा, वही देश में राज करेगा’…
रायपुर. देशभर में समरसता की भावना जगाने और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का शंखनाद करने साधु-संतों की धर्मसभा रायपुर के रावणभाठा मैदान में हनुमान चालीसा पढ़कर हुई। धर्म सभा में भारतीय संस्कृति, हिंदू राष्ट्र, धर्मांतरण आदि विषयों पर संतों ने विचार रखा। इस दौरान जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने कहा कि हिंदू कट्टर होगा तो विश्व भर में शांति होगी। हिंदू सभी जीवों की चिंता करता है। भारत में जब तक संत है तब तक कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हिंदुस्तान में कोई छुआछूत नहीं है, गंगा में सभी एक साथ डुबकी लगाते हैं। हम हिंदू थे, हिंदू हैं, हिंदू ही रहेंगे। जर्मनी वाला जर्मन, रूस वाला रूसी, वैसे ही हिंदुस्तान वाला हिंदू नहीं होगा तो कौन होगा। कुंभ में इतने संत आते हैं जितने यहां आए हैं कुंभ जैसा ही नजारा दिखा है। विश्वभर में उपद्रव केवल भारत ही रोक सकता है।
धर्म सभा से पहले शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के नेताओं और संतों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इसमें धर्मांतरण को लेकर संतों ने तीखे सवाल किए। इस दौरान संतों ने कहा कि देश में वही राज करेगा, जो हिंदू राष्ट्र की बात करेगा। रायपुर पहुंचे संतों ने कहा कि हिंदू राष्ट्र के लिए कल धर्मसभा में अहम बातें होंगी। संतों ने कहा कि इसमें देशभर के दिग्गज साधु-संत पहुंचेंगे। अपने विचारों से देश और समाज का मार्गदर्शन करेंगे। विश्व हिंदू परिषद के इस यात्रा के संयोजक चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि 18 फरवरी को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जगहों पर में संतों ने पदयात्रा शुरू की थी, जो अब रायपुर में आज धर्मसभा के रूप में समापन होगा।






ये संत हुए शामिल
आज होने वाली धर्म सभा में करीब 300 संत पहुंचें। इसमें जूना अखाड़े हरिद्वार के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज, काशी से जितेंद्रानंद सरस्वती, महांमंडलेश्वर मुंबई, श्रीराम बालकदास जी, कौशलराम जी, श्याम जी, रामानंद सरस्वती, संत युधिष्ठिरलाल शदाणी दरबार रायपुर, देहरादून से साध्वी डॉ. प्राची आर्य, उज्जैन से बालयोगी योगेश्वर उमेशनाथ, पुष्पेंद्र पुरी, राजीवलोचन दास चित्रकूट धाम, यूपी के गोरखपुर जिले के गौरेला से स्वामी परमात्मानंद , दंतेवाड़ा से स्वामी प्रेम स्वरूपानंद, महामंडलेश्वर स्वामी सर्वेश्वर दास कोटमी सुनार, राधेश्याम दास सेत गंगा बिलासपुर, आचार्य राजेश दास तुरंगा रायगढ़, रामानंद सरस्वती बाटीडांड बलरामपुर, सीताराम दास बिलासपुर, श्यामदास जांजगीर, रामरूप दास त्यागी मद्कूदीप समेत कई संत शामिल होंगे। इसके अलावा देश के अलग-अलग मठों से संत भी रायपुर पहुंचे।
