रायपुर। भारत की सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत को वैश्विक मंच पर एक बड़ी पहचान मिली है. श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया है. इस ऐलान के साथ ही भारत की 14 अमूल्य कृतियां अब इस अंतरराष्ट्रीय सूची का हिस्सा बन चुकी हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर ट्वीट करते हुए कहा- भारत की समृद्ध विरासत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण! श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के “Memory of the World Register” में शामिल किया गया है। यह हमारी सनातन और शाश्वत ज्ञान-परंपरा को वैश्विक मान्यता मिलने के साथ ही हमारी संस्कृति, कलात्मक प्रतिभा और आध्यात्मिक चेतना का भी सम्मान है। यह ग्रंथ हमारी कालातीत धरोहर है, जिसने सदियों से भारत की आत्मा को पोषित किया है और सम्पूर्ण मानवता को नैतिकता का मार्ग दिखाया है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी प्राचीन ज्ञान-परंपरा को वैश्विक मंच पर सर्वोच्च स्थान मिल रहा है।





भारत की समृद्ध विरासत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण!
श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के "Memory of the World Register" में शामिल किया गया है। यह हमारी सनातन और शाश्वत ज्ञान-परंपरा को वैश्विक मान्यता मिलने के साथ ही हमारी संस्कृति, कलात्मक प्रतिभा और…
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) April 18, 2025
