कहा- तनाव, अवसाद, चिंता को दूर रखने में योग मददगार, मन को करता है एकाग्र
रायपुर। 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ IPS रतनलाल डांगी ने युवाओं को योग करने का संदेश दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि मानसिक तनाव से मुक्ति और स्वस्थ जीवन जीने के लिए योग कीजिए। रतनलाल डांगी न केवल योग दिवस पर बल्कि पूरे साल योग और एक्सरसाइज कर फिट रहने के लिए लोगों को मोटिवेट करते रहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रतनलाल डांगी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि “आज के समय में योग की सबसे ज्यादा जरूरत युवाओं को है, क्यूंकि हम देख रहे हैं कि आज ज्यादातर युवा तनाव, अवसाद और चिंताओं से घिरा हुआ है। यहां तक कि छोटे-छोटे बच्चे भी तनाव, थकान जैसे शब्दों का उपयोग अक्सर करते हैं।
वरिष्ठ IPS ने कहा कि आजकल युवाओं में आत्महत्या जैसी घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। इसे रोकने के लिए युवाओं को योग से जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग की मुद्राएं शरीर और मन दोनों को बेहतर रखती हैं। योग अवसाद, थकान, चिंता, तनाव जैसे विकार को कम करने में सहायक होता है।
पढ़ाई में फोकस के लिए योग लाभदायक
IPS रतनलाल डांगी ने कहा कि किसी भी परीक्षा की तैयारी करने के लिए परीक्षार्थियों का तनाव मुक्त और मन का शांत होना बहुत जरूरी है। मन को एकाग्र करने की शक्ति योगासनों, ध्यान, प्राणायाम से ही संभव है। इसके लिए युवाओं को योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है। योग के माध्यम से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है।
रतनलाल डांगी ने कहा कि योगासन एक ऐसा व्यायाम है, जिसमें न तो कुछ विशेष खर्च होता है और न ज्यादा संसाधनों की जरूरत होती है। ये अमीर-गरीब, बूढ़े-जवान, सभी स्त्री-पुरुष कर सकते हैं। योग के द्वारा न ही सिर्फ बीमारियों का इलाज किया जाता है, बल्कि इसके द्वारा कई शारीरिक और मानसिक कमियों को भी दूर किया जा सकता है। यह हमारी इम्युनिटी को भी बढ़ाता है।
रतनलाल डांगी ने कहा कि योग करने से चिंता से मुक्ति, आपसी संबंधों में सुधार, अपार शांति, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार, वजन में कमी, सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता, मिर्गी और पेट के रोगों से भी छुटकारा मिलता है और ऊर्जा में वृद्धि होती है। इससे शरीर की हड्डियां, मस्तिष्क, फेफड़े, लीवर का भी व्यायाम होता है। योगासन द्वारा शरीर में लचक पैदा होती है, जिससे व्यक्ति में फुर्तीलापन आता है।