रायगढ़ एनएच 200- भूअर्जन में करोड़ों का खेला, सदन में गूंजा मामला 

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रायपुर। खरसिया के विधायक उमेश पटेल ने रायगढ़ जिले के एन.एच 200 में सड़क निर्माण के लिए भूअर्जन और मुआवजे का मुद्दा उठाया। विधायक ने सदन के साथ खुलासा कि भूअर्जन के नाम पर एनएच के अधिकारियों ने राजस्व अधिकारी व अमले के साथ मिलकर करोड़ों का खेला कर दिया है। सदन में दावा किया कि अफसरों ने भूअर्जन के नाम पर सरकारी खजाने को चोंट पहुंचाई है। भूअर्जन के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को मुआवजा दिया गया है जिसकी एक इंच जमीन सड़क निर्माण की जद में नहीं आई है।बजट सत्र के आखिरी दिन एक बार फिर सदन में गबन और घोटाले का मुद्दा छाया रहा। विधायक उमेश पटेल ने खुलासा करते हुए कहा कि एनएच 200 का सर्वे पहले किसी और उायरेक्शन में किया गया था। नए सर्वे में पुराना डायरेक्शन को बदल दिया गया। किसके कहने से यह सब हुआ यह जांच का विषय है। इस पर गंभीरता के साथ जांच होनी चाहिए। किन-किन लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सर्वे का डायरेक्शन बदला गया है।

 













विधायक ने यह भी सवाल उठाया कि पुराने डायरेक्शन के आधार पर सर्वे करने के बाद जमीन की खरीदी-बिक्री में राज्य शासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध आजतलक जारी है। इससे किसानों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। जरुरतमंद किसान व भूमि स्वामी अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं। उमेश पटेल ने राजस्व मंत्री से पूछा कि यह प्रतिबंध कब तक हटा लिया जाएगा।

 

 राजस्व मंत्री को जानकारी ही नहीं

मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि निर्माण प्रारंभ होने से पहले जमीन की खरीदी-बिक्री पर इस आधार पर प्रतिबंध लगाया गया था कि डिमांड के अनुसार जमीन का अधिग्रहण किया जा सके। विधायक पटेल ने पूछा कि अब तो सड़क निर्माण का डायरेक्शन ही बदल गया है, प्रतिबंध की जरुरत ही नहीं है। इसे कब तक हटा लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है। इसे मैं दिखवा लेता हूं।

जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ और दो करोड़ का मुआवजा

मुआवजा के सवाल पर राजस्व मंत्री ने कहा कि जिन किसानों व भूमि स्वामियों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन सभी को मुआवजा का वितरण कर दिया गया है। कोई भी शेष नहीं है। मंत्री के जवाब के बाद विधायक उमेश पटेल ने खुलासा करते हुए कहा कि भूअर्जन और मुआवजा में अफसरों ने खेला कर दिया है। मुआवजा में करोड़ों का घोटाला है। एक व्यक्ति जिसकी जमीन सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित नहीं की गई है,आसपास उसकी जमीन भी नहीं है, दो करोड़ का मुआवजा दिया गया है। विधायक पटेल ने भूअर्जन के नाम पर करोड़ों के घोटाले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।





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