Mahadev Satta App: रायपुर पुलिस ने MHA को लिखा पत्र, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को दुबई से भारत लाने की मांग

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रायपुर। ऑनलाइन सट्टा महादेव बुक समेत कई अन्य ऐप के खिलाफ छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। इसी कड़ी में सोमवार को महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के संचालकों को भारत लाने के लिए रायपुर पुलिस ने मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स को पत्र लिखा है। रायपुर पुलिस ने PHQ के माध्यम से MHA को पत्र भेजा है।

रायपुर पुलिस द्वारा MHA को लिखे पत्र में बेटिंग एप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को दुबई से भारत लाने (प्रत्यर्पण) के लिए पत्र में मांग की है। रायपुर के खमतराई थाना में दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज है और उनकी तलाश जारी है। रायपुर पुलिस के पत्र के आधार पर MHA ने दोनो के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। रायपुर पुलिस ने PHQ के माध्यम से MHA को पत्र भेजा है।











दो साल पहले प्रकाशित होते थे बड़े-बड़े विज्ञापन

दो साल पहले महादेव आईडी के नाम से बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित होते थे। लाखों रुपए लेकर आईडी बेची जाती थीं और उसके माध्यम से छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में सट्टा खिलाया जाता था। महादेव आईडी के कर्ताधर्ता छत्तीसगढ़ से जुड़े थे तो सबसे ज्यादा जाल इसी प्रदेश में फैलाया गया। रसूखदार लोग इस धंधे से जुड़े। राजनीतिक प्रशासनिक, पुलिस से लेकर गुंडे मवालियों ने खूब पैसा कमाया। हरिभूमि ने इसका खुलासा किया और देखते ही देखते सरगना फरार हो गए और सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारियां की गईं। लेकिन अरबों के इस धंधे की कमर नहीं टूटी। महादेव सट्टा एप के ऑपरेटर रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने विदेश में भी अपने पैर पसारे।

बेटिंग एप के ऑपरेटरों ने बदला पैटर्न

ईडी, ईओडब्ल्यू और एसीबी से लेकर तमाम एजेंसियां उनकी तलाश में हैं। इस बीच एक चौंकाने वाली खबर आई। पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई तेज होने के बाद महादेव सट्टा एप के ऑपरेटर ने ऑनलाइन सट्टा चलाने का पैटर्न बदल लिया है। लोकल बुकी और सटोरियों के बाद अब आम लोगों को ऑनलाइन सट्टेबाजी से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन जारी कर इसकी आईडी बेची जा रही हैं। ऑनलाइन वेबसाइट पर क्लिक करते ही व्हाट्सएप चैट पर यूजर को ले जाया जाता है और उसके बाद वहां पर कॉल सेंटर से बैठा व्यक्ति संपर्क करता है। और फिर पैसा डिपॉजिट करने के बाद व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जाता है जिसके बाद आईडी और पासवर्ड दिया जाता है फिर शुरू होती है ऑनलाइन सट्टेबाजी।















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