कांकेर: बीमा की रकम पाने रची कार में परिवार समेत जलकर मरने की झूठी कहानी… हजार सीसीटीवी के फुटेज खंगाले, 3सौ से अधिक होटलों की जांच… कर्ज के बोझ से लदा है पोल्ट्री फार्म के संचालक

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कांकेर, 14 मार्च। कर्ज के बोझ से लदे समीरन सिकदार ने जीवन बीमा की रकम 72 लाख पाने झूठी कहानी रची कि उसकी अपनी कार में पोल्ट्री फार्म के संचालक समीरन सिकदार स्वयं, अपनी पत्नी, दो बच्चों की जलकर मौत माना जाएगा और बीमा की रकम हमारे परिजन को मिल जाएगी और अन्य जगह हम बस जाएंगे और अपनी खाली कार में आग लगा दी, पर पुलिस और फोरेंसिक जांच में उक्त कार में किसी प्रकार के मानव अवशेष नहीं पाए जाने की खबर जब मीडिया में चली तो अपने रचे झूठी कहानी में फंस गए. कांकेर पुलिस की सक्रियता में अपने को घिरता हुआ देखकर, सजा के भय से अपने घर वापस लौट आया। समीरन सिकदार और पुलिस से संपर्क कर आत्मसमर्पण कर दिया। समीरन को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा जा रहा है

पुलिस ने लापता परिवार को तलाशने यूपी, महाराष्ट्र, ओडिशा के टोल नाका का बारीकी से विश्लेषण किया। समीरन के कब्जे से 5,04,000 नकदी व मोबाइल फोन, टेबलेट, यात्रा टिकट, होटल बिल भी बरामद किया गया। लापता की तलाश में कांकर पुलिस ने सीमावर्ती जिला धमतरी , बालोद , रायपुर , जिला की पुलिस की भी सहायता ली थी।, वहीं पखांजूर से रायपुर के मध्य लगभग 1000 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए 300 से अधिक होटलों की चेकिंग की गई। रेलवे स्टेशन बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड , एयरपोर्ट की जांच की गई। कांकेर पुलिस ने थाना चारामा के ग्राम चावड़ी में मिली जलती हुई कार की गुत्थी को सुलझा ली है। चारों गुमशुदा व्यक्तियों को सकुशल बरामद कर लिया गया है। पुलिस में बीमा की राशि के लिए की गई साजिश का भी पर्दाफाश कर लिया है। पुलिस के अनुसार चारामा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चावड़ी में 1 मार्च  की रात्रि में चारामा-कोरर मार्ग पर एक जलती हुई कार होने की सूचना मिली थी । उक्त सूचना पर चारामा पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची, परंतु तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी।











पतासाजी के दौरान 2 मार्च को प्रात: उक्त जली हुई कार पखांजूर पीवी 42 निवासी विपुल सिकदार के स्वामित्व का होना ज्ञात हुआ था। मौके पर कार स्वामी के पुत्र हर्षित सिकदार ने जली हुई कार की पहचान कर पुलिस को जानकारी दिया था कि उक्त कार में  समीरन सिकदार पिता विपुल सिकदार (29 वर्ष) उसकी पत्नी जया सिकदार (25 वर्ष), अपने बेटे दीप (9 वर्ष) एवं पुत्री कृतिका (4 वर्ष) के साथ रायपुर इलाज के लिए एक मार्च को गए थे। वे अपने परिवार से मोबाइल फोन पर लगातार संपर्क में थे ।
रायपुर से वापसी के दौरान धमतरी पहुंचकर उन्होंने अपने पिता एवं परिवार के लोगों को धमतरी में होटल में रात्रि भोजन कर पखांजूर कार से निकलने की बात भी बताई थी। ग्राम चावड़ी में वही कार जली हुई अवस्था में मिली थी, परंतु कार सवार चारों व्यक्तियों का कोई पता नहीं था। पुलिस द्वारा उक्त जली हुई कार की जांच मौके पर फॉरेंसिक टीम से कराई गई।

कार की जांच में कोई मानव अवशेष होना नहीं पाया गया था, परंतु कार में 2 जले हुए मोबाइल मिले थे, इससे यह आशंका थी कि कार सवार व्यक्तियों का अपहरण अथवा हत्या भी हो सकता है। परिजन बार-बार इस बात की आशंका भी व्यक्त कर रहे थे। थाना चारामा में चारों लापता व्यक्तियों के संबंध में परिजनों की रिपोर्ट पर  गुमशुदगी की रिपोर्ट गुम इंसान क्रमांक 11,12,13,14 दर्ज कर तलाश किया जा रहा था।
पुलिस अधीक्षक कांकेर शलभ कुमार सिन्हा ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गुमशुदा व्यक्तियों की पतासाजी हेतु 5 पुलिस टीम गठित किया था। पतासाजी के लिए दिशा निर्देश दिए थे।  होटलों की चेकिंग के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि धमतरी स्थित आशियाना लाज में उक्त लापता परिवार एक मार्च की रात्रि में रुका हुआ था.

पुलिस को गुमशुदा व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों के कॉल रिकॉर्ड की तस्दीक करने पर पता चला कि गुमशुदा हुए समीरन ने रायपुर स्थित अजय फोटो स्टूडियो में अपने 93 फोटो प्रिंट कराने हेतु दिए थे, दो  मार्च को समीरन सिकदार फोटो को ले जा चुका था। जानकारी होने पर पुलिस आश्वस्त थी कि चारों व्यक्ति का अपहरण नहीं हुआ है और वे स्वयं से ही छिप रहे हैं। उक्त संबंध में पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पुलिस की विभिन्न टीमें लगातार पतासाजी कर रही थी ।
जांच के दौरान पुलिस टीमों द्वारा पखांजूर से रायपुर तक सेल आईडी के टावर डंप में 9 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों का विश्लेषण कर 45 हजार मोबाइल नंबरों को शॉर्टलिस्ट कर तस्दीक किया जा रहा था तथा पखांजूर से रायपुर के मध्य लगभग 1000 सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले गए 300 से अधिक होटलों की चेकिंग की गई। रेलवे स्टेशन बस स्टैंड , ऑटो स्टैंड , एयरपोर्ट की जांच की गई।

पुलिस परिजनों एवं समीरन सीकदार के व्यवसाय से जुड़े लोगों से भी लगातार पूछताछ कर रही थी, तभी 13 मार्च की रात्रि में गुमशुदा हुए समीरन सिकदार ने अपने फार्म हाउस के वर्करों के माध्यम से मोबाइल पर पुलिस से संपर्क कर अपने को परिवार सहित पीवी 42 में पहुंचने की बात बताई। तब पुलिस द्वारा तत्काल अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किया गया।

पूछताछ में समीरन सिकदार एवं उसकी पत्नी जया सिकदर ने बताया कि कुछ दिनों से व्यापार में नुकसान होने से वह परेशान थे। इसी दौरान उन्होंने पूरे परिवार का इंश्योरेंस भी कराया था। बीमा पॉलिसी के अनुसार मृत्यु होने पर 72 लाख रुपये के भुगतान का प्रावधान था। इसी लालच में पति ने योजना बनाई थी कि कार को जला देंगे और पत्नी जया को गुमराह कर गायब हो जाएंगे, जिससे लोग उसे कार में जलकर मृत होना समझ जाएंगे और बीमा कंपनी 72 लाख रुपये भुगतान कर देगी, जिससे व्यापार में नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी और पखांजूर से दूर किसी दूसरे स्थान पर नए तरीके से अपना जीवन यापन करेंगे।
योजना के अनुसार समीरन सिकदार पत्नी जया सिकदार, अपने दोनों बच्चों के साथ रायपुर आने के दौरान धमतरी आशियाना लॉज में रुका, वहां से रात्रि भोजन कर समीरन सिकदार में अपनी पत्नी जया एवं बच्चों को लॉज में छोडक़र कार को लेकर चारामा पहुंचा। चारामा में पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदा और चारामा कोरर मार्ग पर ग्राम चावड़ी पहुंचकर योजनाबद्ध तरीके से पूर्व से निर्धारित स्थल पर कार को पेड़ से टकरा कर खड़ा कर दिया और पेट्रोल छिडक़कर माचिस से आग लगा दिया और पैदल खेत जंगल के रास्ते चारामा पहुंचा।

चारामा से बस में सवार होकर धमतरी पहुंचा और अपने फोटो लिया और बस में सवार होकर परिवार को होटल आशियाना लॉज से लेकर रायपुर चला गया। रायपुर में अजय फोटो स्टूडियो से फोटो लेकर इलाहाबाद चला गया। इलाहाबाद में एक दिन रूका और दूसरे दिन ट्रेन में सवार होकर पटना गया। पटना में मोबाइल तथा दूसरे के नाम का चालू मोबाइल नंबर खरीदा और अपने मोबाइल पर  मोबाइल ऐप डाउनलोड कर खबरों को देखा तो उसे ज्ञात हुआ कि उसकी स्वयं को परिवार सहित जलकर मर जाने और मृत्यु उपरांत बीमा की रकम ले लेने की योजना विफल हो गई है।

वह धमतरी के लॉज तथा फोटो स्टूडियो में लोकेट हो गया है, जिससे पुलिस को चारों गुमशुदा का जानबूझकर लापता होने का षडय़ंत्र करना ज्ञात  हो गया है। तब वह पुलिस से बचने के लिए पटना से , गुवाहाटी चला गया होटल में रुका रहा, वह न्यूज एप लगातार कांकेर की खबरें देख रहा था, उसे अंदेशा हो गया था कि वह बहुत जल्दी पुलिस के गिरफ्त में आ जाएगा। सजा के भय से वह गुवाहाटी से संबलपुर आ गया। संबलपुर से प्राइवेट टैक्सी में पखांजूर पीवी 42 पहुंचा और अपने फार्म हाउस के वर्करों के माध्यम से पुलिस फोन पर संपर्क किया ।

पुलिस ने चारों गुमशुदा को पीवी 42 से बरामद किया गया गया है । समीरन सिकदार के कब्जे से 5 लाख 4 हजार नगदी रकम मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। सम्पूर्ण जांच पर समीरन सिकदार के द्वारा धारा 435,427,120,420,511 भादवि के अंतर्गत अपराध घटित करना पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
समीरन सिकदार को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा जा रहा है। पुलिस प्रत्येक पहलू पर जांच कर रही है। गुमशुदा समीरन सीकदार से प्राप्त जानकारी के आधार पर रुके हुए स्थान एवं होटल से संपर्क स्थापित कर तस्दीक किया जा रहा है। इस प्रकार की सहायता करने वाले लोगों की संलिप्तता प्रमाणित पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी ।















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