जशपुर। जशपुर पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को 48 घंटे में सुलझाया लिया है। प्रेम प्रसंग में युवक की हत्या कर शव को जंगल में फेंकने और साक्ष्य मिटाने के मामले में पिता, पुत्र एवं उनके रिश्तेदार भाई सहित कुल 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह पूरा मामला तपकरा थाना क्षेत्र के ग्राम मयूरचुंदी की है।
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
26 सितंबर के प्रातः में ग्राम लोटापानी के जीवन यादव अपने पुत्र बजरंग यादव उम्र 20 साल के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराने थाना कुनकुरी में आये थे, उसी दौरान करडेगा पुलिस चैकी में कुछ लोगों द्वारा एक लावारिस मोटर सायकल को चैकी में पहुंचाने की बात सामने आई। इसी दौरान ग्रामीणों से बजरंग यादव के शव को रंगाडीपा जंगल में पड़े होने की सूचना मिलने पर तत्काल पुलिस द्वारा मौके पर जाकर पंचनामा कार्यवाही पश्चात् शव का पी.एम. कराया गया, पी.एम. रिपोर्ट में मृतक की मृत्यू हत्या करने से होना पाये जाने पर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध धारा 103(1) बी.एन.एस. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह द्वारा एसडीओपी कुनकुरी विनोद मंडावी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर प्रकरण के सभी पहलुओं को अलग-अलग एंगल से जाॅंच करने की निर्देष दिये गये, टीम द्वारा गुम इंसान एवं मोटर सायकल मिलने की घटना को दोनों को मिलान कर मोटर सायकल चैकी में पहुंचाने वाले संदेही आरोपी ईष्वर यादव, संदीप यादव, उग्रसेन यादव, बिरजू यादव सभी निवासी मयूरचुंदी को अभिरक्षा में लेकर उनसे मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ किया गया। पहले तो सभी संदेहियों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास कर अपने आपको बचाने व मामले में संलिप्त नहीं होना बताते रहे, परंतु विवेचना में आये तथ्य एवं मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर ईष्वर यादव ने प्रेम प्रसंग में बजरंग यादव की हत्या करना बताया।
गला दबाकर उतारा मौत के घाट
ईष्वर यादव ने बताया कि 26 सितंबर की रात्रि 01ः30 बजे इसका पुत्र संदीप यादव ने इसे फोन कर बताया कि बजरंग यादव उनके दुकान घर के खिड़की के पास खड़ा है, यह बताने पर ईष्वर यादव तुरंत टार्च पकड़कर घर से बाहर निकला और देखा कि बरजंग यादव उसके घर के बाहर खिड़की के पास खड़ा था, जिसे पकड़ने के लिये यह दौड़ाया तब बजरंग यादव उनके घर के पीछे की ओर भाग रहा था, उसी दौरान गांव से जीतिया त्यौहार मनाकर घर लौट रहे संदीप यादव व उग्रसेन यादव दोनों बजरंग यादव का पीछा करने लगे, फिर इनके पीछे-पीछे ईष्वर यादव भी बजरंग यादव का पीछा करने लगा। तीनों बजरंग यादव को ढूंढते हुये एक नाला के पास पहुंचे तो देखे कि बजरंग यादव जमीन में फिसलकर गिर गया था, तब उसे संदीप यादव और उग्रसेन यादव पकड़कर उठाये थे, इतने में ईष्वर यादव भी वहां पहुंच गया और बजरंग यादव से मेरे घर के पास आने के बारे में मारपीट कर पूछने पर वह उनके परिवार की एक लड़की से प्रेम संबंध होना व उसी से मिलने आना बताया। बजरंग यादव से ऐसी बात सुनकर वे आगबबूला हो गये एवं ईष्वर यादव ने पास रखे डंडा से बजरंग को मारा, संदीप हाथ, मुक्का से मारपीट कर रहा था तथा उग्रसेन यादव उसका हाथ को पकड़कर रखा हुआ था। संदीप यादव ने बजरंग के गला को दबाया तो वह जमीन में गिर गया, उसकी मृत्यू नहीं होने पर ईष्वर यादव ने जोर से उसका गला को दबाकर मौत के घाट उतार दिया।
फिर उसके शव को वे तीनों पकड़कर रंगाडीपा जंगल में फेंक दिये। बजरंग यादव का मोटर सायकल जो ईष्वर यादव के आम बगीचा में लावारिस हालत में पड़ा हुआ था इस मोटर सायकल के बारे में गुमराह करने एवं साक्ष्य मिटाने के लिये इनके द्वारा एक साथी बिरजू कुमार यादव के साथ मिलकर प्रयास किया गया।
आरोपियों का कृत्य उक्त धारा सदर का अपराध पाये जाने पर आरोपीगण ईष्वर यादव उम्र 50 साल, संदीप यादव उम्र 23 साल, उग्रसेन यादव उम्र 34 साल एवं बिरजू कुमार यादव उम्र 40 साल सभी निवासी मयूरचुंदी को दिनांक 28 सितंबर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।
प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपियों की गिरफ्तारी में एसडीओपी कुनकुरी श्री विनोद मण्डावी, उप निरीक्षक सुनील सिंह, उप निरीक्षक खोमराज ठाकुर, उप निरीक्षक अषोक यादव, स.उ.नि. रामनाथ राम, स.उ.नि. ईष्वर वारले, उ.नि. नसरूद्दीन अंसारी, प्र.आर. 343 मोहन बंजारे, आर. मुकेष भगत, आर. राजेन्द्र राम, आर. अजय लकड़ा, आर. षिवषंकर राम, आर. अविनाष लकड़ा, आर. धीरेन्द्र मधुकर, आर. नंदलाल यादव, आर. अमित त्रिपाठी इत्यादि का सराहनीय योगदान रहा है।