जशपुर। जंगल में डेरा जमाए हुए पांच हाथियों के दल को देखने की उत्सुकता और रील्स बनाने के चक्कर में चार ग्रामीण युवक जंगल में एक पेड़ के उपर चढ़ गए। अचानक हाथियों का यह दल उसी पेड़ के नीचे आकर डेरा जमा लिया। हाथियों के ठीक पेड़ के नीचे आ जाने से लगभग 2 घंटे तक युवक पेड़ पर ही फंसे रहें। इन युवकों ने मोबाइल से घटना की सूचना अपने स्वजनों और मित्रों को दी।
वन विभाग के स्थानीय कर्मियों के सहयोग से हाथियों का खदेड़ कर पेड़ में फंसे युवकों को जंगल से सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। घटना जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के तुबा गांव की है। बीट गार्ड अविनाश शर्मा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि इस गांव में चार युवक एक पेड़ के उपर फंसे हुए है। पेड़ के नीचे चार हाथियों का दल डेरा जमाए हुए है,इसलिए वे नीचे नहीं उतर पा रहें हैं। सूचना पर रेंजर आकांक्षा लकड़ा, बीट गार्ड अविनाश शर्मा, श्याम बिहारी निराला और हाथी मित्र दल के सदस्यों के साथ तुबा के जंगल पहुंचे। जहां तुबा गांव का रहवासी कन्हैंया राम और उसके तीन साथी एक पेड़ की ऊंची शाखा में बैठे हुए थे और नीचे चार हाथी जमे हुए थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दो हाथी सो रहे थे और दो हाथी आसपास घूम रहे थे। हाथियों की मौजूदगी में पेड़ में फंसे हुए युवकों का नीचे उतरना संभव नहीं हो पा रहा था। वन विभाग की टीम ने धैर्य का परिचय देते हुए कुछ देर तक हाथी के दल के हलचल करने की प्रतीक्षा की। रेंजर आकांक्षा लकडा ने बताया कि दिन के समय हाथी आराम करते हैं। ऐसे में इन्हें छेड़ने पर आक्रामक हो कर हमला कर देते हैं।
सो रहे हाथियों के हलचल करने के बाद टीम ने हल्ला करके हाथियों को पेड़ से दूर खदेड़ा। हाथियों के सुरक्षित दूरी पर जाने के बाद पेड़ के उपर में फंसे हुए चारों ग्रामीण युवकों को उतार कर,सुरक्षित घर पहुंचाया। वनविभाग की टीम ने चारों युवकों सहित तुबा के ग्रामीणों को हाथियों की मौजूदगी में जंगल की ओर ना जाने की हिदायत दी है। वहीं चारों युवकों को रील्स बनाने के लिए वन्य जीवों से छेड़छाड़ करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी वन विभाग ने दिया है।