जशपुर। छत्तीसगढ़,ओडिशा और झारखंड की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित तपकरा वन परिक्षेत्र में 31 हाथी अलग अलग दल में जमे हुए हैं। पहली घटना तपकरा वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत अमडीहा के आश्रित गांव रेमते की है। जानकारी के अनुसार इस गांव की रहवासी पदमा कालो (49 वर्ष) शौच के लिए शुक्रवार के लिए गांव के पास स्थित जंगल में गई हुई थी।
इसी दौरान जंगल में डेरा जमाए हुए हाथियों से महिला का सामना हो गया। हाथियों को सामने देख कर पद्मा कालो भागने का प्रयास किया लेकिन एक हाथी ने दौड़ा कर उसे पकड़ लिया और सूढ़ से उठा कर जमीन में पटक कर कुचल दिया। घटना की सूचना पर तपकरा की रेंजर आकांक्षा लकड़ा,एसडीओ अभिनव केसरवानी सहित वन अधिकारी पहुंचे।
अधिकारियों ने मृतिका के स्वजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में 25 हजार रूपये उपलब्ध कराया है। एसडीओ केसरवानी ने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि के लिए प्रकरण तैयार किया जा रहा है। दूसरी घटना तपकरा वन परिक्षेत्र के रेमते गांव की है। इस गांव का रहवासी कलिंदर मांझी सुबह लकड़ी लेने के लिए गांव के पास के जंगल में गया हुआ था।
इसी दौरान उसका सामना जंगल में डेरा जमाए हाथी से हो गया। हाथी को सामने देख कर ग्रामीण जान बचाने के लिए भागा। इस दौरान उसका एक पैर टूट गया। घायल ग्रामीण को उपचार के लिए फरसाबहार सामुदायिक केन्द्र में भर्ती कराया गया है।
31 हाथियों ने जमाया डेरा
छत्तीसगढ़ के घोर हाथी प्रभावित क्षेत्र में शामिल जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र में इस समय 31 हाथी अलग-अलग स्थानों पर विचरण कर रहें हैं। वन विभाग की डेली रिपोर्ट के अनुसार हाथी बेड़ में 22 हाथी, बनगांव में 5 और जमुना में 4 हाथियों का दल मौजूद है। रेंजर आकांक्षा लकड़ा ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में आने वाले सभी गांवों में मुनादी करा कर हाथियों की मौजूदगी की जानकारी देते हुए, जंगल की ओर ना जाने और रात के समय घर से बाहर ना जाने कहा जा रहा है।