आयुष यूनिवर्सिटी को एमबीबीएस की डिग्री देने हेतु हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

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रायपुर। रायपुर जिले के शांति नगर निवासी अविनाश देशलहरा द्वारा वर्ष 2007-08 में एमबीबीएस प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम में छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस बिलासपुर में एडमिशन लिया था, किंतु कुछ पारिवारिक कारणों से वर्ष 2015 में हुई एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा देने में असफल रहा, इसके बाद अभ्यर्थी अविनाश देशलहरा द्वारा एमबीबीएस फाइनल पार्ट 1 की परीक्षा में बैठने हेतु एक अनुरोध पत्र विभागीय मंत्री और छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बिलासपुर के डीन के के समक्ष किया था, अविनाश देशलहरा की पारिवारिक स्थिति को देखते हुए रजिस्ट्रार आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा अविनाश देशलहरा को एमबीबीएस फाइनल पार्ट वन की परीक्षा में बैठने हेतु अनुमति प्रदान कर दी गई, तथा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय द्वारा एनओसी लेटर भी जारी कर दिया गया था, किंतु आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा परीक्षा पास करने के उपरांत तथा इंटर्नशिप पूरी करने के बाद भी अविनाश देशलहरा को एमबीबीएस की डिग्री नहीं दिया जा रहा था, जिससे परिवेदित होकर अविनाश देशलहरा हाई कोर्ट अधिवक्ता श्रीमती अक्षरा अमित और आशुतोष मिश्रा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत किया था जिसकी सुनवाई 19 फरवरी 2024 को न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे जी के यहां हुई, जिसकी सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय ने उत्तर वादी आयुष यूनिवर्सिटी को निर्देशित किया की याचिकाकर्ता के आवेदन पर विचार करते हुए 4 सप्ताह के अंतर्गत एमबीबीएस की डिग्री देने हेतु निर्देश देते हुए प्रकरण का निराकरण किया गया



































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