गरियाबंद जिले के राजिम में इन दिनों मेला लगा हुआ है, जिसमें न केवल देश बल्कि विदेशों से भी सैलानी पहुंच रहे हैं। राजिम मेले की भव्यता को देख फ्रांस से पहुंचे कुछ नागरिक बेहद खुश हो गए। उन्होंने इस मेले के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तारीख की और जोहार छत्तीसगढ़ कहकर स्थानीय रंग में रंगे नजर आए।
विदेशी सैलानियों ने राजिम मेले से खरीदारी भी की और छत्तीसगढ़ के पकवानों को भी चखा। वे एक-एक दुकान में रुककर वहां मिलने वाली चीजों और खाने के बारे में भी समझते दिखाई दिए। विदेशी सैलानियों रोले, विल्सन लोपेज, मार्टिन, जोयल, अग्नेश, भासो ने साधु-संतों से भी मुलाकात की और उनके साथ फोटो खिंचवाई और यहां की यादों को संजोने के लिए वीडियो भी बनाए।
विदेशी सैलानी जैसे ही राजीव लोचन मंदिर पहुंचे, मंदिरों में उत्कीर्ण कलाकृतियों ने उन्हें खासा प्रभावित किया। 3 नदियों के संगम पर स्थित कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर को देखकर भी वे अभिभूत हो गए। पूरे मेला क्षेत्र का पैदल चलकर उन्होंने भ्रमण किया। मीडिया सेंटर में पत्रकारों ने इन सैलानियों का आत्मीय स्वागत सम्मान किया।
राजिम मेले की भव्यता को देखकर अत्यंत प्रसन्न दिखे और हाथ जोड़कर नमस्ते राजिम कहा। फ्रांस के पर्यटकों में से दो लोग पहली बार राजिम मेले में आए हैं, बाकी कुछ सैलानी पिछले साल भी आ चुके हैं, जिनमें रोले, मार्टिन, जोयल, अग्नेश और भासो शामिल हैं। ये सभी 1 महीने के टूर पर 6,500 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और 28 फरवरी को अपने देश चले जाएंगे। विशाखापट्टनम से सैलानी सीधे राजिम पहुंचे हैं।
विदेशी सैलानियों ने कहा कि हम भारत में प्लेन से भी यात्रा कर सकते हैं, लेकिन तब हम भारत को ठीक से नहीं देख और समझ पाते, इसलिए इंडिया आकर हम सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं। इससे यहां की संस्कृति और रहन-सहन को हम बेहतर समझ सकते हैं। यहां की सांस्कृतिक विरासत हमें काफी प्रभावित कर रही है। भुवनेश्वर ओडिशा के गाइड तपन मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में राजिम के अलावा रायपुर, चम्पारण, सिरपुर, कवर्धा, चिल्फी, भोरमदेव के बाद ये सैलानी ग्वालियर मध्यप्रदेश चले जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि राजिम माघी पुन्नी मेला में नागा साधुओं का आशीर्वाद प्राप्त कर ये सभी आगे की यात्रा के लिए निकल जाएंगे।