CG इंडियन सड़क कांग्रेस में विशेषज्ञों ने किया मंथन, बोले- देश में ग्रीन हाईवे को प्राथमिकता, दुर्घटना रोकने करेंगे सारे उपाय

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रायपुर। केंद्र सरकार ने अपनी बजट की प्राथमिकताओं में ग्रीन ग्रोथ को शामिल कर रखा है। सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी संवेदनशीलता और इससे निपटने के लिए प्रतिबद्धता भी दिखाई है। जलवायु परिवर्तन से निपटने की प्रक्रिया भारत की अध्यक्षता में हुई 2023 जी-20 की बैठक के दौरान प्राथमिकताओं में से भी एक है। ऐसे में अब इंडियन सड़क कांग्रेस के 83वें अधिवेशन में हरियाली युक्त राष्ट्रीय राजमार्ग यानी ग्रीन हाईवे को प्राथमिकता देने पर रणनीति बनी है।























देश-विदेश से आए विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों ने माना कि आने वाले समय में देश में इको-फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन तकनीक पर काम करने की जरूरत है। इस तकनीक में ग्रीन सोर्सेस से रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल करने पर भी बात हुई। साथ ही टैफिक मैनेजमेंट के लिए फाइबर के उपकरणों को भी लिया जा सकता है। इसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए ओवरस्पीड चेकिंग सिस्टम, पेवमेंट मैनेजमेंट सिस्टम, और फ़ाइबर आप्टिक नेटवर्क का भी इंतज़ाम करने की जरूरत है। ग्रीनफ़ील्ड एक्सप्रेसवे को शहरों से दूर और खेतों से भी निकाला जा सकता है।

इंडियन रोड कांग्रेस के 83वें अधिवेशन के तीसरे दिन सीएसआइआर-सीआरआरआइ नई दिल्ली के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डा. अभिषेक मित्तल ने हाईवे योजना, प्रबंधन और मूल्यांकन पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि योजना बनाते समय हमें हाईवे की इंजीनियरिंग को ध्यान रखना होगा। आम जनता के लिए यात्रा सुगम हो। इसके साथ-साथ सर्विस रोड और आने वाले समय में दोपहिया वाहनों के लिए भी उचित प्रबंध करने की जरूरत है।

सीएसआइआर-सीआरआरआइ नई दिल्ली के वरिष्ठ प्रमुख वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार सिन्हा ने जीओ टेक्निकल इंजीनियरिंग पर चर्चा की। इसी तरह मुख्य वैज्ञानिक डा. जीके साहू ने ब्रिज इंजीनियरिंग और डा. के. रविंद्रर ने ट्रैफिक और सुगम यातायात के लिए चुनौतियों पर अपनी बात रखी। विशेषज्ञों ने कहा कि अब सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क निर्माण के दौरान सर्विस रोड, दोपहिया वाहनों, चार पहिया और भारी वाहनों के आवागमन प्रबंधन पर नई रणनीति से काम करना होगा।

सड़क निर्माण, अनुसंधान और गुणवत्ता नियंत्रण में चर्चा
विभिन्न सत्रों के माध्यम से सड़क निर्माण, अनुसंधान और गुणवत्ता नियंत्रण पर चर्चा हुई। तकनीकी सत्र में आयोजित बैठक में ‘भारत में किए गए सड़क अनुसंधान कार्य’ पर विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं। इसके बाद राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग, स्थानीय निकाय और सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के अधिकारियों द्वारा सड़क निर्माण से संबंधित नवीनतम तकनीकों के संबंध में चर्चा की।

राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुतियां साझा की गईं , जिसमें वार्षिक कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर से आए विशेरूाज्ञों ने भी सड़क, पुल-पुलिया और भवन निर्माण को लेकर अपनी बात रखी।



































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