रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल श्रीनगर के होटल में भारी बर्फबारी के बीच बर्फ से खेलते नजर आये। वे भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए रविवार को ही श्रीनगर पहुंचे थे। सोमवार को शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में ऐतिहासिक सभा के बाद वे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ होटल लौटे थे। मुख्यमंत्री मंगलवार शाम तक रायपुर लौट आएंगे।
बताया जा रहा है, सोमवार को सुबह श्रीनगर स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पर तिरंगा लहराने के बाद पार्टी के सभी नेता-कार्यकर्ता शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम पहुंचे थे। यहां भारी बर्फबारी के बीच नेताओं ने एक जनसभा को संबोधित किया। बर्फबारी की वजह से वरिष्ठ नेताओं के साथ कुछ कार्यकर्ता ही खुले में थे। बाकी लोग पवेलियन की कुर्सियों पर बैठे। यहां कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भाषण दिये।
बाद में सभी लोग होटल लौट आये। वहां भी अन्य विपक्षी दलों से आये नेताओं के साथ बातचीत जारी रही। लौटने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल होटल के बाहर रूई के फाहों की तरह बिछी बर्फ का मजा लेने का मोह नहीं छोड़ पाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर बर्फ में टहलते हुए, फाहों को पकड़ने की कोशिश करते एक वीडियो साझा किया है।
इसके साथ उन्होंने लिखा है-शीन मुबारक। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ शाम की एक फोटाे साझा की है। उन्होंने लिखा, पदयात्रा के बाद हमारे प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल के चेहरे पर मुस्कान और सुकून देखिए। यही मुस्कान और सुकून आज हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के चेहरों पर है। मन में गहरा संतोष भी है।
छत्तीसगढ़ के दर्जनों नेता पहुंचे थे
भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के दर्जनों नेता श्रीनगर पहुंचे हैं। इनमें स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, सांसद फूलोदेवी नेताम, विधायक विकास उपाध्याय, देवेंद्र यादव सहित कई नेता शामिल हैं। ये सभी लोग दिल्ली होकर रायपुर लौटने की तैयारी में हैं।
कन्याकुमारी में भी साथ थे भूपेश बघेल
राहुल गांधी ने सात सितम्बर 2022 को तमिलनाडू के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। उस दिन की जनसभा में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद थे। पहले दिन बघेल और तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राहुल गांधी को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा था। तमिलनाडू से केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश होते हुए जम्मू-कश्मीर तक इस यात्रा को पहुंचने में पांच महीने लगे हैं।