कोंडागांव। कोंडागांव जिले में एक लाख के इनामी नक्सली दिवास उर्फ गनपत मंडावी ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। वह माओवादी संगठन के आमदई एलओएस पार्टी का सदस्य था और 2009 से 2024 तक विभिन्न भूमिकाओं में सक्रिय रहा। छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति और सुरक्षाबलों के लगातार दबाव से प्रभावित होकर दिवास ने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। नक्सलियों की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर उसने मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प लिया।
दिवास कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रहा, जिनमें 2012 में बस्तर के ककनार चौकी पर फायरिंग, 2015 और 2017 में पुलिस पार्टी पर फायरिंग, 2018 में ईरपानार फायरिंग (चार जवान शहीद) 2024 में थुलथुली मुठभेड़ (36 नक्सली मारे गए) इन घटना में शामिल रहा। आत्मसमर्पण के बाद दिवास को तत्काल प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये दी गई। पुनर्वास नीति के तहत अन्य लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया जारी है।
आत्मसमर्पण की इस सफलता में बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी, कोंडागांव एसपी वॉय अक्षय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की कुशल रणनीति शामिल है। सुरक्षा बल लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सिविक एक्शन कार्यक्रम चला रहे हैं। यह आत्मसमर्पण नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक और सफलता है और समाज को शांति की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।