जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र में ग्राम सेड़वा में तेज हवाओं के साथ हुई जोरदार बारिश जिससे सीआरपीएफ कैंप के तीन बैरक की छत उड़ गई। वहीं ग्राम सेड़वा में सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं, दोपहर को दरभा क्षेत्र में अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई जिससे जवानों के कैंप के बैरक में लगी सीमेंट सीट उड़ गई, इससे 11 जवान घायल हो गए। घटना के बाद कैंप में मौजूद अन्य जवान फौरन बैरक से घायलों को बाहर निकाला। फिर उन्हें दूसरी बैरक में ले जाया गया। जहां सीआरपीएफ के डाक्टर घायलों का इलाज कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलने पर रात में सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक एपी सिंह ने कैंप का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। कैंप परिसर में कुछ पेड़ भी आंधी से उखड़ गए हैं। उधर, दंतेवाड़ा के गुड़रा सीएएफ कैंप में भी अंधड़ से नुकसान हुआ है। आज अधिकारी कैंप में हुए नुकसान का जायजा लेने जायेंगे। ज्ञात हो की बस्तर संभाग में जंगलों में सुरक्षा बलों के कैंप हैं। बरसात के दिनों में यहां काफी कठिनाई से जवानों को जूझना पड़ता है।
इधर, बैरक में रखे राशन सहित दूसरे सामान भी इससे प्रभावित हुए है। जिले में बीते दस दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है। झुलसा देने वाली गर्मी के बीच जिले के बड़ेगुडरा क्षेत्र में जमकर बारिश हुई है। थाना प्रभारी कुआकोंडा विजय पटेल ने बताया बैरक की सीट उड़ी है,राशन और दूसरे सामानों का नुकसान हुआ है।naidunia
जगदलपुर के शहीद पार्क तिराहे पर नालियाें का पानी सड़क पर आ गया
पिछले दो माह से बस्तर में मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। अंधड़, बारिश, ओलावृष्ट, वज्रपात और तेज गर्मी सभी का स्वरूप इन दो महीनों में दिखाई दिया है। पिछले एक सप्ताह तक लगातार 40 डिग्री से अधिक तापमान से लोग परेशान रहे हैं। इस बीच एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार को सुबह से दोपहर दो बजे तक सूर्यदेव ने जमकर तपाया और इसके बाद एक घंटे तक हुई झमाझम बारिश से मौसम में ठंडक घुल गई।
बारिश से पहले अंधड़ भी डराने में पीछे नहीं रहा। बारिश गर्मी से लोगों को राहत तो मिली लेकिन शहर के कुछ क्षेत्राें में कचरे से जाम नालियां और पानी निकासी की उचित व्यवस्था का आभाव भी दिखाई दे गया। उफान पर आई नालियों का पानी कचरे के साथ सड़क पर आ गया। इसके कारण लोगों को आवागमन में परेशानी हुई। शहीद पार्क तिराहा में शाम पौने चार बजे बारिश थमने के एक घंटे बाद तक सड़क पर पानी भरा था।
कुछ ऐसा ही दृश्य मोतीतालाब पारा, रमैया वार्ड के अंदर गलियों में दिखाई दिया। दलपत सागर से बस्तर आर्ट गैलरी से होकर अनुपमा चौक की ओर जाने वाले मार्ग में जगह-जगह पानी भरने से लोग परेशान दिखाई दिए। नालियों का पानी यहां सड़क पर काफी देर तक पसरा रहा। गीदम रोड और बोधघाट मार्ग पर भी एक दो स्थानाें पर सड़क पर पानी था।
बारिश थमने के बाद सूर्यदेव बादल के बीच से बाहर आए और फिर थोड़ी देर के लिए धूप खिल गई। शाम तक बादलों के साथ सूर्यदेव की लुकाछिपी जारी थी। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर जिले में एक दिन पहले गुरुवार को कुछ क्षेत्रों में हल्की वर्षा हुई थी। मौसम विभाग ने अगले तीन चार दिन दक्षिण छत्तीसगढ़ अर्थात बस्तर अंचल में कुछ क्षेत्रों में गरज चमक के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है।
अंधड़ के कारण बिजली हुई गुल
बिजली की आंखमिचौली बारिश और अंधड़ के कारण बिजली की आंख मिचौली भी हुई। शहर और ग्रामीण इलाके के कुछ क्षेत्रों में एक से दो घंटे तक बिजली गुल थी वहीं कुछ ऐसे भी क्षेत्र थे जहां देर शाम समाचार लिखे जाने तक बिजली गुल थी। यहां सर्किट हाउस रोड में तीन बजे से बिजली गुुल थी। बिजली की आंखमिचौली के कारण लोग परेशान रहे। शहर के समीपवर्ती आड़ावाल, सेमरा क्षेत्र में देर शाम तक बिजली व्यवस्था बहाल नहीं हुई थी।