सरगुजा। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया के पास बीते तीन दिन पहले एक बाघ की मौत हो गई थी। बाघ की मौत के बाद प्रदेश स्तर पर नाराजगी सामने आई थी। पोस्ट रिपोर्ट अब सामने आ गया है। पीएम रिपोर्ट में जहर देने से मौत का खुलासा पीएम करने वाले चिकित्सकाें ने किया है। बता दें कि दो साल पहले भी इसी इलाके में एक बाघ को जहर देकर मार डाला था। जहर देने वाले की मंशा भी साफ है। शिकार या फिर अंगों की तस्करी ही प्रमुख उद्देश्य रहा होगा। बहरहाल सरगुजा के सीसीएफ वी माथेश्वरन ने शिकार की संभावनाओं से इन्कार किया है। उनका कहना है कि बाघ द्वारा मवेशियों के शिकार के कारण ग्रामीणों ने जहर दिया होगा। बाघ के नाखून, दांत,मूंछ पूरी तरह सुरक्षित थे। पीएम के बाद वन अफसरों ने अपनी निगरानी में बाघ का अंतिम संस्कार करा दिया है।
वन विभाग की ओर से जारी आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि 08.11.2024 को समय अपरान्ह 01 बजे ग्रामीणों से बीट गार्ड को सूचना मिली कि ग्राम कटवार के पास खनखोपड़ नाला के किनारे बाघ की मृत्यु हुई है। घटना स्थल बीट गरनई, सर्किल रामगढ़, परिक्षेत्र सोनहत, कोरिया वनमण्डल के पास है। इसकी जानकारी आला अफसरों को दी गई। सूचना के बाद डीएफओ कोरिया, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर, एसडीओ उत्तर बैकुन्ठपुर, मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वन वृत्त अम्बिकापुर, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा मौके पर पहुंचे। वन विभाग के कर्मचारियों की टीम के द्वारा घटना स्थल के आसपास 1.5 से 2 कि.मी. परिधि में तलाशी की गई। प्रथम दृष्टया शव 2-3 दिन पुराना है। 09.11.2024 को वन विभाग, पुलिस विभाग, एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में 4 सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा पोस्ट मार्टम किया गया। पीएम रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण जहरखुरानी बताया गया है।
जरुरी अंगों को किया गया है प्रिजर्व
पीएम के बाद शव को नियमानुसार वन अफसरों की मौजूदगी में दाह संस्कार किया गया। इसके पहले मृत टाइगर के आवश्यक अंगों को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए प्रिजर्व किया गया। घटना स्थल के आसपास के क्षेत्र में गोमार्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम द्वारा पतासाजी किया गया तथा कोरिया वनमण्डल एवं गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुन्ठपुर की संयुक्त टीम के 4 दलों के द्वारा आसपास के क्षेत्रों में निरीक्षण किया गया। मृत टाइगर के स्किन, नाखून, दांत एवं सभी अंग सुरक्षित थे, किसी भी प्रकार का अंग-भंग नहीं पाया गया।
सुरक्षा के बीच चिकित्सकों की टीम ने किया पीएम
शनिवार को कड़ी सुरक्षा में 3 पशु चिकित्सकों से शव का पीएम कराया गया। रायपुर व सरगुजा से पहुंची एक्सपर्ट टीम की मौजूदगी में बाघ का नदी किनारे दाह संस्कार करा दिया गया है। रायपुर से खोजी कुत्ते के साथ संरक्षण शाखा प्रमुख संदीप सिंह और सरगुजा सीसीएफ पहुंचे थे।
सीसीएफ ने शिकार की घटना से किया इन्कार
सरगुजा के मुख्य वन्य संरक्षक वी माथेश्वरन का कहना है कि छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में जहरखुरानी से बाघ की मौत हो गई। शुक्रवार को बाघ का शव गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व के नजदीक मिला था। शव दो-तीन दिन पुराना था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ को जहर देने की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों ने प्रथम दृष्टया बाघ की मौत जहर खुरानी से होना बताया है। जानवरों के शिकार के कारण ग्रामीणों द्वारा ही जहर देने की संभावना है। बाघ के नाखून, दांत,मूंछ पूरी तरह सुरक्षित थे। कोई अंग-भंग भी नहीं था।