नारायणपुर। जिले में नक्सलियों ने दो मोबाइल टावर में आग लगा दी है। रविवार देर रात की घटना है। छोटेडोंगर पुलिस थाने से 4 किलोमीटर दूर चमेली गांव और गौरदण्ड में नक्सलियों ने दो बीएसएनएल टावर को आग के हवाले कर दिया। नक्सलियो ने मौके पर कई बैनर पोस्टर भी लगाए। जिसमें छोटेडोंगर के पद्मश्री वैधराज हेमचंद्र मांझी को आमदई खदान का दलाल बताते हुए देश से मार भगाने की बात पर्चे में लिखी है। धमकी के बाद आदिवासी वैद्य हेमचंद मांझी पद्मश्री को लौटाने की घोषणा कर दी है।
लोगों की सुविधा में फिर बाधक बने नक्सली
एसपी प्रभात कुमार ने घटना की पुष्टि कर बताया कि थाना छोटेडोंगर के ग्राम गौरदण्ड व ग्राम चमेली में रात करीब 12 बजे नक्सलियों ने मोबाइल टावर में आगजनी की है। इन दोनों टावर को जल्द ही शुरू किया जाना था। लेकिन उससे पहले नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया। आस पास क्षेत्र में जिला पुलिस बल और आईटीबीपी का सर्च ऑपरेशन जारी है।
पद्मश्री हेमचंद्र मांझी को नक्सलियों की धमकी
आमदई माइंस में दलाली करने का आरोप लगाते हुए नक्सली पद्मश्री हेमचंद्र मांझी को लगातार धमकी दे रहे हैं। बीती रात मोबाइल टावर में आग लगाने के बाद नक्सलियों ने मौके पर कई पर्चे भी फेंके हैं। जिसमें मांझी को आमदई खदान का दलाल बताते हुए देश से मार भगाने की बात पर्चे में लिखी है।बता दें कि नक्सलियों ने पद्मश्री हेमचंद्र मांझी के भतीजे कोमल मांझी की निर्मम हत्या कर दी गई थी। नक्सलियों की घमकी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने वैद्यराज को जिला मुख्यालय में सेफ हाऊस में सुरक्षा दी है।
वैद्यराज के नाम से मशहूर हेमचंद मांझी
नारायणपुर जिले में रहने वाले हेमचंद्र मांझी वैद्यराज के नाम से मशहूर है। वह आज पारंपरिक तरीके से जंगली जड़ी बूटियों से इलाज करते हैं। (Naxal Threat) मांझी ने अपना पूरा जीवन जड़ी बूटियों की खोज और उनसे लोगों का इलाज करने में बिता दिया। लगभग पांच दशकों से वे अब तक हजारों लोगों को ठीक कर चुके हैं। लोगों की निस्वार्थ सेवा के चलते केंद्र सरकार ने वैद्यराज हेमचंद मांझी को पद्मश्री से सम्मानित किया।
नक्सलियों के बंद के आह्वान को जनमानस ने सिरे से नकारा
26 मई को नक्सलियों द्वारा बंद का आह्वान किया गया था। जिसका असर बीजापुर जिले में नहीं पड़ा। जिले के नागरिकों-व्यापारियों ने स्वस्फूर्त अपनी दुकानें अन्य दिनों की तरह संचालित की। यातायात एवं यात्री बसे, आटो, रिक्शा इत्यादि आवागमन के साधन भी सुचारू रूप से संचालित हुआ। इसके पूर्व भी दो बार नक्सली बंद का असफल आह्वान कर चुके है और आज भी जिले के नागरिकों ने नक्सलियों के उम्मीदों पर पानी फेरते हुए बंद को पूरी तरह असफल किया।
नक्सली आतंक का अब खौफ नहीं
वहीं रविवार को बीजापुर मुख्यालय का साप्ताहिक बाजार का दिन होने के कारण बीजापुर के सुदूर गांवों सहित अन्य जिले के नागरिक एवं व्यापारी भी पूर्व की भांति बाजार पहुंचे। (Naxal Threat) बाजार में रौनक देखने को मिला। अब बीजापुर के नागरिक नक्सलियों के भय और आतंक को नकारते हुए शासन-प्रशासन पर भरोसा कर जिले में शांति व्यवस्था के लिए प्रयास कर रहे है और इनके आंतक और भय के माहौल के विरूद्ध खड़ी हुई दिखाई पड़ रही है।
वैधराज हेमचंद्र मांझी को जान से मारने की धमकी
बीजापुर जिला मुख्यालय सहित भोपालपटनम, भैरमगढ़, उसूर सहित अन्य अंदरूनी क्षे़त्रों में नागरिकों एवं व्यापारियों ने भयमुक्त होकर अपनी व्यवसाय चालू रखा। उल्लेखनीय है कि इस बार प्रशासन द्वारा बंद को असफल कराने की पहल नही करनी पड़ी बल्कि जिले के आम नागरिकों ने स्वस्फूर्त होकर इस बंद को असफल किया। इससे बौखलाए नक्सलियों ने देर रात मोबाइल टावर में आग लगा दी। जगह-जगह पर्चे फेंके और वैधराज हेमचंद्र मांझी को जान से मारने की धमकी दी।