सरगुजा। सूरजपुर और कोरिया जिले की सीमा पर स्थित टेमरी गांव से लगे जंगल में बाघ ट्रैप कैमरे में कैद हुआ है। बाघ ने एक भैंस और एक गाय का शिकार किया है। भैंस और गाय का शिकार करते ट्रैप कैमरे ने तस्वीर भी खींच ली है. सरगुजा क्षेत्र के रहवासियों के अलावा पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है.
गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने के बाद पहली बार रिजर्व एरिया में बाघ नजर आया है। टेमरी जंगल भी गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व की सीमा से लगा हुआ है। बाघ नजर आने से टाइगर रिजर्व प्रबंधन भी उत्साहित है। चार दिनों से बाघ इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा है।
सूरजपुर जिले से लगे पटना क्षेत्र के टेमरी जंगल में बाघ द्वारा मवेशियों का शिकार करने की सूचना वन विभाग को दी गई थी। इस क्षेत्र में इसके पहले बाघ की चहलकदमी नहीं थी. यही. कारण है कि ग्रामीणों के दावे पर विभाग को भरोसा भी नहीं था, जंगल के नजदीक जलाशय और गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे होने के कारण टेमरी के जंगल में ट्रैप कैमरे लगाए गए थे।
एक महीने से दावा कर रहे थे ग्रामीण
सूरजपुर जिले के ओड़गी तथा कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र में बीते एक महीने से ग्रामीण बाघ की चहल कदमी का दावा क्र रहे थे. ओड़गी के धरसेड़ी, सांवारांवा के आसपास वन्य प्राणी के पद चिन्ह भी मिले थे लेकिन इसकी बारीकी से जांच नहीं हुई थी। टेमरी के समीप वन विभाग की ओर से ट्रैप कैमरे लगाए गए तो बाघ की स्पष्ट तस्वीर कैमरे में कैद हुई है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व में है बाघिन
दो वर्ष पूर्व ओड़गी क्षेत्र में एक बाघिन ने ग्रामीणों पर हमला किया था। टांगी के प्रहार से बाघिन भी जख्मी हुई थी। घायल बाघिन का सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया गया था। स्वस्थ होने के बाद बाघिन को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया है। ओड़गी का यह इलाका गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है।
टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद पहली बार नजर आया बाघ
छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान तथा तमोर पिंगला अभयारण्य क्षेत्र को मिलाकर नया टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, अविभाजित मध्य प्रदेश के जमाने में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा था। टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद पहली बार बाघ नजर आया है।