पेंड्रा। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर लगभग पांच महीने बाकी है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भ्रष्टाचारियों की फाईल खुल गयी है और तीन साल पहले घोटाले की पुष्टि होने के बाद मरवाही के पांच गांवों के सरपंचों को एसडीएम ने निलंबित किया है। इस मामले में साल 2021 में पांच सचिवों को निलंबित किया गया था।
दरअसल, मरवाही जनपद पंचायत के पांच ग्राम पंचायतों सिवनी, दरमोहली, मालाडांड़, पोंड़ी और बदरौड़ी ग्राम पंचायतों में 14वें और 15वें वित्त योजना की राशि में लाखों रूपये के घोटाले की शिकायत वर्ष 2021 में हुई थी। जिसमें जिला पंचायत डीआरडीए के द्वारा जांच के बाद बिलासपुर जिला पंचायत के सीईओ ने इन सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों को निलंबित किया था। साथ ही इन सचिवों और सप्लायर फर्म सहित मरवाही जनपद के डाटा एंट्री ऑपरेटर अजीत मरकाम सहित सप्लायर फर्म के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था।
लाखों रुपए के हुए घोटाले
मरवाही के एसडीएम डीआर डाहिरे ने 10 लाख 3 हजार रूपये के घोटाले के आरोप में बदरौड़ी गांव के सरपंच आनंद सिंह ओटटी, 14वें वित्त की राशि में लाखों रूपये की गड़बड़ी के आरोप में दरमोहली गांव की सरपंच विमला बाई, 7 लाख 9हजार रूपये के घोटाले के मामले में, मालाडांड़ के सरपंच सोनूसिंह आर्मो, 6 लाख 72 हजार रूपये घोटाले के आरोप में पोंड़ी की सरपंच डोम बाई, 5 लाख 93 हजार रूपये के घोटाले के मामले में सिवनी के सरपंच लखन सिंह कंवर को पंचायती राज अधिनियम की धारा 39-1 के तहत निलंबित किया गया है।