भिलाई नगर 14 अप्रैल 2025:- मोहन का थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामनवमी के दिन 6 साल की बच्ची से दरिंदगी और हत्या के मामले में डीएनए रिपोर्ट सामने आ गई है डीएनए रिपॉर्ट में आरोपी चाचा और बच्ची का डीएनए एक समान ही पाया गया है इसके बाद अब पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट की कॉपी न्यायालय में जमा करने की तैयारी कर रही है इस आशय की जानकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष में आयोजित पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भिलाई- दुर्ग शहर सुखनंदन राठौर ने दी..!





आपको बता दे 6 अप्रैल को 6 साल की मासूम से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी जिसके बाद पुलिस ने तीन संदेहियों का डीएनए सेम्पल लिया था जिसमें आरोपी चाचा का डीएनए मैच कर गया तो वहीं पुलिस अब डीएनए रिपोर्ट के साथ-साथ अन्य जांच की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है आपको बता दे कि आरोपी चाचा सोमेश यादव को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था जहां से उसे जेल भेज दिया गया है फिलहाल एसआईटी की टीम और भी कई मामलों पर अब लगातार जांच कर रही है.
आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एडिशनल एसपी भिलाई -दुर्ग शहर सुखनंदन राठौर ने बताया कि आरोपी सोमेश यादव के द्वारा पुलिस को गुमराह करता रहा है। पहले उसने बताया कि वह घर में मौजूद नहीं था काम करने गया था पुलिस द्वारा जहां का पता बताया गया था वहां जांच किया गया तो पता चला वह काम में नहीं आया था। घटना के बाद से ही पुलिस के साथ रहकर पुलिस को ही गुमराह करता रहा शक के आधार पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया ।
पुलिस द्वारा उसके रूम की तलाशी के दौरान कुछ सबूत भी मिले थे। आरोपी के द्वारा हत्या के बाद बच्ची की लाश को कार में रखा गया है।एडिशनल एसपी श्री राठौर ने बताया कि एक घर में सीसीटीवी लगा हुआ था पर घर वाले सुबह 6 बजे के बाद शाम 6 बजे तक कैमरा बंद कर देते थे। जिसकी वजह से रिकॉर्डिंग नहीं हो पाया । आरोपी द्वारा वारदात को अंजाम देने के बाद बच्ची की लाश को कार में रख दिया। आरोपी को यह भी पता था कि कार का एक दरवाजा लॉक नहीं होता है।
दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के द्वारा गठित एसआईटी (SIT) टीम ने जांच शुरू कर दिया है। एसआईटी ने मृत बच्ची के पड़ोस में रहने वाले 20 लोगों का बयान दर्ज किया गया। एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि एसआईटी टीम ने जांच अभी चल रही है।
मृत बच्ची के परिजन आरोपी के बचाव में उतर गए हैं। उनका कहना था कि बेवजह फसाया जा रहा है परिजनों के आरोप के बाद जिसके बाद पुलिस ने एसआईटी का गठन किया तथा जांच के लिए डीएनए भेजा गया ताकि मामले की जल्दी जा सके और आरोपी को सजा दिलाई जा सके…
एडिशनल एसपी राठौर ने बताया कि एक घर में सीसीटीवी लगा हुआ था पर घर वाले सुबह 6 बजे के बाद शाम 6 बजे तक कैमरा बंद कर देते थे। जिसकी वजह से रिकॉर्डिंग नहीं हो पाया । आरोपी द्वारा वारदात को अंजाम देने के बाद बच्ची की लाश को कार में रख दिया। आरोपी को यह भी पता था कि कार का एक दरवाजा लॉक नहीं होता है।
पत्रकार वार्ता के दौरान दुर्ग सीएसपी चिराग जैन, भिलाई नगर सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी, डीएसपी क्राइम अजय कुमार सिंह, मोहन नगर थाना प्रभारी शिव चंद्रा मौजूद थे।
