मुंगेली। ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच जिले के एक डॉक्टर दीपक लाज (पूर्व BMO) साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं. शातिर ठगों ने उन्हें झांसे में लेकर साढ़े 7 लाख रुपये की ठगी की. आरोपी ने डॉक्टर को एफडी तोड़वाकर मांगी गई राशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर करवा ली.
इस मामले के सामने आते ही पुलिस तुंरत हरकत में आई और मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी गिरिजाशंकर जायसवाल ने साइबर क्राइम के इस मामले को लेकर 6 जांच टीम गठित की थी जो तस्दीक में जुटी थी. इस बीच मुंगेली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. डॉक्टर ने जिस अज्ञात व्यक्ति के अकाउंट में 7,35,891 रुपये शातिर ठग के कहने पर ट्रांसफर किया था, पुलिस ने उसे केरल से धरदबोचा है. पकड़े गए आरोपी का नाम फवाज चेरुकपल्ली 24 वर्ष है जो कि थाना पण्डिकाट जिला मालापुरम (केरल) का निवासी है.
साइबर क्राइम के इस मामले में एसएसपी गिरिजाशंकर जायसवाल ने बताया कि पुलिस को फिलहाल डॉक्टर ने जिस अज्ञात व्यक्ति के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किया था उसे केरल से पकड़ लिया गया है लेकिन सरगना समेत पूरी साइबर ठग टीम की तलाश में पुलिस जुटी है.
एसएसपी का अपील
एसएसपी गिरिजाशंकर जायसवाल ने जिले वासियों से अपील किया है कि इस तरह का कोई भी कॉल किसी के पास भी आता है तो तुंरत पुलिस को सूचना करें. उनका कहना है कि समय रहते सूचना मिलने पर साइबर ठगी के मामले को रोका जा सकता है.
दुबई तक कनेक्शन ?
डिजिटल अरेस्ट यानी वीडियो कॉल के जरिए किसी को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उसे उसके ही घर में कैद करके मुंहमांगी फिरौती वसूलना। देश में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। एक आकलन के मुताबिक, पिछले 4 माह में करीब 400 करोड़ रु. ठगे जा चुके हैं। ताज्जुब ये है कि इसमें जो शिकार बने हैं, उनमें डॉक्टर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सैन्य अफसर और आईआईटी प्रोफेसर जैसे उच्च शिक्षित लोग शामिल हैं। यूपी, मप्र, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में ऐसे केस लगभग हर रोज आ रहे है,और अब छत्तीसगढ़ में भी यह मामला सामने आया है।इसके पीछे दुबई में बैठे मास्टरमाइंड हैं। इन सभी मामलों में सरकारी खाते बताकर जिन खातों में पैसे ट्रांसफर हुए थे, वे आम लोगों के बैंक खाते हैं और विदेश में बैठे साइबर अपराधियों के नियंत्रण में हैं.